ग्रीष्म कालीन मैं लोग प्यास बुझाने के लिए पशु पक्षीयो को भी पीने को पानी रखना नही भूलते है,।
लेकिन जिले की रीठी समुदाय स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों और उनके परिजनों हेतु शासकीय मद राशि से बनाई गई पीने के पानी की टंकी को तोड़ दिया जाता है। आखिर क्यों,,,?
शासकीय राशि से बनी पानी की टंकी को क्षतिग्रस्त किया जाता है । यदि टंकी को ना तोड़ा जाता और उसी की साफ सफाई करके यदि उसे पानी टैंकर के माध्यम से भरवा जाता तो मरीजों को पानी की किल्लत न होती, परंतु ऐसा नहीं है । सूत्रों की माने तो पानी टैंकर के भरी भरकम बिल तो बराबर लगाए जा रहे हैं,,।
तो सवाल यह खड़ा होता है कि जब पानी टैंकर के बिल लगाए जाते हैं तो आखिर यह पानी जाता कहां है ।और यदि पानी टैंकर नहीं तो, बिल क्यों,,? पहुंछती है जनता,,।
हरिशंकर बेन