शासन द्वारा बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए गांव गांव आरोग्य केंद्र ताे खोले गए हैं। लेकिन इन केंद्रों मैं स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में लोगों को इलाज के लिए निजी चिकित्सालय क्लीनिकों पर मोटी रकम खर्च करना उनकी मजबूरी बन गई है।कहने को तो उप स्वास्थ्य केंद्रों मैं यहां 24 घंटे एएनएम, सीएचओ द्वारा इलाज की सुविधा मिलना है, लेकिन महीनो ताला नहीं खुलने से ग्रामीण इलाकों के लोग मायूस होकर वापस लौट आते है ।या कुछ मरीज जाते ही नही,,।
गौरलतब यह है कि कटनी जिले के रीठी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र में कुल करीब 21 आरोग्य केंद्र खोले गए हैं।
जिनमें करीब 15 सीएचओ तैनात कर दिए गए हैं। और उन्ही केंद्रों में अक्सर ताला लगा दिखाई देता है ।
ग्रामीणाें ने बताया कि सीएचओ व कर्मचारियाें केंद्रो में न रहकर अपडाउन कर रहे है । ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को इलाज कराने के लिए झोलाछाप डॉक्टरों की शरण लेनी पड़ रही है । वहीं गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण कराने में समस्या आती है। तो वहीं छोटी-मोटी बीमारियों को ग्रामीणों को दवा तक उपलब्ध नहीं हो पाती है। देवरीकला, अमगवा, बसुधा आदि ऐसे कई ग्रामीण क्षेत्र मैं आरोग्य केंद्र हैं जहां महीनो से ताला तक नहीं खुला है। और बेहतर स्वास्थ्य मुखिया करने का दावा किया जा रहा है परंतु क्षेत्र के केंद्र मैं लटके हुए ताले से सारी हकीकत सामने आ रही है ।
अब देखना यह है कि ऊपर बैठे उच्च अधिकारी इस विषय पर क्या कार्रवाई करते हैं,,।
हरिशंकर बेन