MPNEWSCAST मनीष गौतम
देखा जाए तो हम अपनी आने वाली पीढ़ी को शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कमजोर कर रहे है
कक्षा प्रथम से आठवी तक बच्चों के मन मे ये बात बैठ गई है की हम पढ़े या ना पढ़े हम पास हो जाऐगे
स्कूल को अपना रिजल्ट सुधारना है इसलिए वो खाना पूर्ती करने के लिए रिजल्ट अच्छा से अच्छा बनाऐगा जिससे उसे हर सत्र मे बच्चों के ऐडमिशन ज्यादा से ज्यादा मिलें
और ज्यादा आमदनी होनी चाहिए हर गार्जियन की इच्छा होती है अपनें बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाऐ
लेकिन उसकी मजबूरी गिरी हालात मे 70,से 80हजार पर साल लग रहा स्कूल ने शिक्षा को व्यापार बना दिया क्यों
वही हम गार्जियन की बात करे तो गार्जियन चाहता हमारे बच्चें पास हो जाए चाहे पढ़ाई मे कितना भी कमजोर और हम उनके भविष्य को अंधकार मे झोक रहे यहा तक की अगर ले दे कर पास कराना पढ़े तो भी पीछे नही हठते
यह भी नही सोचते की हम अपनें बच्चें को अपने हाथ से किस रास्ते मे भेज रहे है
👉स्कूलो को नियम बनना चाहिए की जिस बच्चे को पास करते उसके रिपोर्टर कार्ड मे लिखना चाहिए
पास बाई प्रमोटेड वाई सरकार पालिसी👈
सरकार को इस तरह की योजना बन्द करने नियम निकालना चाहिए किसी भी बच्चे उसकी क्षमता के नुसार जितनी पढ़ाई की उतने ही नम्बर मिलना चाहिए अगर नही आने वाले मे बच्चों का भविष्य क्या रहेगा समाने दिख रहा
लोग ये देखते है कि किस स्कूल में हमारे बच्चों को पास किया जाता उसी स्कूलो में बच्चों को ऐडमिशन दिलाते है
स्कूल प्रबंधन को चाहिए की चाहे कोई एक बिषय चाहे दो बिषय मे कमजोर हो पास नही क्योकिं आप गल्ती कर रहे गल्ती छोटी हो या बढ़ी
अगर सरकार इस और ध्यान दे तो बच्चों के भविष्य को सुधारा जा सकता
लेख मनीष गौतम