रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम/सोहागपुर। जिले की नगर पालिका परिषद सोहागपुर में नए बस स्टैंड के पास शॉपिंग कांप्लेक्स निर्माण कार्य को लेकर लोक निर्माण शाखा के उपयंत्री पर मां खेड़ापति कंस्ट्रक्शन कंपनी ग्वालियर द्वारा भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप की शिकायत आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं आवास विकास विभाग भोपाल में की गई है। शिकायत में अवगत कराया गया कि मां खेड़ापति कंस्ट्रक्शन कंपनी ग्वालियर को नए बस स्टैंड के पास शॉपिंग कांप्लेक्स निर्माण की निविदा 11अगस्त 2023 को प्राप्त हुई। कार्यालय लोक निर्माण शाखा से 03 जनवरी 2024 को कार्य आदेश प्राप्त हुआ। जिसके बाद मेरे द्वारा 25% कार्य पूर्ण कर दिया गया। इसके उपरांत उपयंत्री द्वारा कार्य ड्राइंग डिजाइन के अनुबंध से पूर्व पत्र दिया गया कि ड्राइंग अप्रूव कराकर लाओ। इसके एवज में ₹60000 दिलाए गए, जिसमें 18000 रुपए फोनपे पर एवं 42000 नगद दिए गए। मेरे द्वारा रसीद मांगने पर कहा गया कि ढाई लाख रुपए लगेंगे। मेरे द्वारा 25% कार्य पूर्ण करने के बाद भी मेरा रनिंग बिल 10 माह के बाद भी नहीं बनाया गया और बिल बनाने के लिए पैसों की मांग की जाती रही और मानसिक रूप से मुझे प्रताड़ित किया जाता रहा। जिसकी लिखित शिकायत मेरे द्वारा संभागीय कार्यालय कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन भोपाल से की गई। इसके बाद कार्यपालन यंत्री द्वारा साइट पर चल रहे कार्य का निरीक्षण किया गया और आदेशित किया गया कि इनका तत्काल भुगतान करें, जिससे ठेकेदार आगे काम कर सके। उसके बावजूद उपयंत्री द्वारा परिषद और सीएमओ को गुमराह करते हुए मेरे सभी कार्य निरस्त कर दिए गए। इसके उपरांत अधीक्षण यंत्री के समक्ष धारा 12 में अपील प्रस्तुत की गई। जिस पर नगरीय प्रशासन भोपाल द्वारा निविदा निर्णय तक स्थगित करने का आदेश दिया गया और सुनवाई के दौरान कहा गया कि पहले किए गए निर्माण कार्य का भुगतान करें। इसके बाद वर्क आर्डर प्रोग्राम का शपथ पत्र लेकर निर्माण कार्य शुरू किया जाए। परंतु उपयंत्री द्वारा आदेश को न मानते हुए 27 नवंबर 2024 को निविदा बुलाई गई और अपने करीबी को कार्य दे दिया गया। शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया कि उपयंत्री द्वारा यह प्रचारित किया गया कि टेंडर देने का निर्णय परिषद की बैठक में लिया गया, जबकि सदस्यों को कोई जानकारी नहीं है। किसी भी कार्य का टेंडर अथवा ठेकेदार कार्य की जानकारी, फाइनेंशियल जानकारी, पोर्टल पर ऑनलाइन दिखाई दी जाती है परंतु इस प्रकरण में कोई जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है। इस तरीके से उपयंत्री द्वारा शासन प्रशासन को गुमराह कर आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने आयुक्त से उपयंत्री के कार्यकाल की जांच सहित उनकी संपत्ति की जांच की मांग भी की है। साथ यह भी निवेदन किया है कि जब तक वह प्रकरण की जांच नहीं हो जाती, तब तक इस कार्य की निविदा को निरस्त कर निर्माण कार्य को रोकने की मांग की है अथवा न्यायालय की शरण में वह जाएंगे।