रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। नर्मदापुरम मुख्यालय तहसील के बस ऑपरेटर्स द्वारा कलेक्टर को बस ऑपरेटरों के हड़ताल पर जाने एवं बसों का संचालन रोकने के संबंध में आवेदन सौंपा गया है। कलेक्टर को संबोधित आवेदन शहरी तहसीलदार देवशंकर धुर्वे को बस ऑपरेटर राकेश फौजदार, प्रफुल्ल पुरु शिवहरे इत्यादि द्वारा सौंपा गया। आवेदन में अवगत कराया गया कि प्रदेश में लगभग 10,000 बसों को जनवरी 2025 से स्थाई-अस्थाई परमिट नहीं दिए गए हैं। यह विषय परिवहन विभाग और राज्य सरकार द्वारा अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति नहीं देने से एआरटीओ और आरटीओ पदोन्नति कर आरटीए की जिम्मेदारी नहीं देने के कारण हुई है। प्रदेश के लगभग 9,000 से ज्यादा बस संचालकों के स्थाई अनुज्ञा आवेदन पत्र विभाग के पास लंबित है। एक आवेदन की फीस ₹10,000 है। इस हिसाब से 9 करोड रुपए लगभग परिवहन विभाग के पास बस संचालकों के जमा है। प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री सहित परिवहन सचिव एवं आयुक्त को बस यूनियन द्वारा अपनी पीड़ा से अवगत कराया जा चुका है, जिसका आज दिनांक तक कोई समाधान नहीं किया गया है। जिससे बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है और यात्रियों को असुविधा के साथ हजारों की संख्या में चालक, परिचालक, हेल्पर बेरोजगार हो गए हैं। स्थाई परमिट हेतु आवेदन दिए जा चुके हैं परंतु ट्रांसपोर्ट डिप्टी कमिश्नर ना होने से यह स्वीकृति नहीं हो पा रही है और अस्थाई परमिटों पर वाहनों का संचालन बंद हो गया है। ऐसी स्थिति में अस्थाई परमिट की स्वीकृति नहीं दी जा रही है तो मजबूर होकर ऑपरेटर स्वैच्छिक हड़ताल पर जाएंगे। अतः बस ऑपरेटर्स की परेशानियों का संज्ञान में लेकर तुरंत निराकरण किया जाए।