जिला कार्यक्रम अधिकारी नयन सिंह ने बताया कि योजनांतर्गत घरेलू हिंसा की पीडिता मध्यप्रदेश की स्थानीय निवासी महिलाओं एवं बालिकाओं को सहायता प्रदान की जाएगी। पीड़िता की घरेलू हिंसा के कारण शरीर के किसी भी भंग की स्थाई क्षति के परिणामस्वरूप दिव्यांगता होने पर क्षतिपूर्ति सहायता राशि प्रदान की जाएगी। योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पीड़िता अथवा उसके आश्रित को परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास अथवा प्रशासक, वन स्टॉप सेंटर को घटना की दिनांक से एक वर्ष के भीतर आवेदन प्रस्तुत करना होगा। आवेदन के साथ घटना की एफआईआर दर्ज करने की प्रति संलग्न करना अनिवार्य होगा।
शरीर के किसी भी अंग की स्थाई क्षति के परिणाम स्वरूप 40 प्रतिशत से कम दिव्यांगता पर 2 लाख रुपये तथा शरीर के किसी भी अंग की स्थाई क्षति के परिणाम स्वरूप 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता होने पर 4 लाख रुपये तक की सहायता राशि दी जायेगी।
शासकीय मेडिकल बोर्ड से शारीरिक क्षति के आंकलन के पश्चात् जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा आवेदनों के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। पीडिता अथवा आश्रित द्वारा जिला स्तरीय समिति के निर्णय से व्यथित होने पर 60 दिवस की अवधि के भीतर संभागायुक्त के समक्ष अपील प्रस्तुत कर सके