रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। नर्मदापुरम संभाग जो मध्यप्रदेश के मध्यप्रांत क्षेत्र में स्थित है। आज तेजी से एक उभरते औद्योगिक केन्द्र के रूप में अपनी एक अलग पहचान बना रहा है। अपनी सांस्कृतिक धरोहर प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुनता, उन्नत कृषि की और अग्रसर एवं पर्यटन की अपार संभावना लिए हुए यह क्षेत्र निवेशको के लिए अनगिनत अवसर उपलब्ध कराता है। यहां ना सिर्फ औद्योगिक विकास के लिए मजबूत, आधारभूत संरचना तैयार की गई है। बल्कि इसके पर्यटन और ऐतिहासिक महत्व ने भी इसे और अधिक आकर्षक बना दिया है। आगामी 07 दिसम्बर को नर्मदापुरम संभाग के लिए ऐतिहासिक रूप से नींव का पत्थर साबित होने वाला है क्योकि नर्मदापुरम संभाग के इतिहास में पहली बार नर्मदापुरम जिले में रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाएगा। यह ना केवल मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए अपितु नर्मदापुरम संभाग के औद्योगिक विकास के लिए बूस्टर डोज देने का कार्य करेगा। इस आयोजन से नर्मदापुरम संभाग मध्यप्रदेश के आद्योगिक विकास का नया केन्द्र बनेगा। नर्मदापुरम जिले में वर्तमान में कृषि पर्यटन एवं रिन्यूवल एनर्जी की अपार संभावनाएं मौजूद है। जो निश्चित रूप से देश के निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। नर्मदापुरम संभाग इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि यहां रोड एवं रेल कनेक्टिविटी मौजूद है जो नर्मपुरम एवं उसके आसपास के जिलों को देश एवं प्रदेश से जोडती है। यह कनेक्टिविटी मौजूद रहने से यहां व्यापारिक गतिविधियों की रफ्तार ओर बढ गई है। जिससे निवेशको को माल की ढु लाई और उत्पादों की आपूर्ति में आसानी हो रही है।
नर्मदापुरम जिले का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व इसे पर्यटन के नजरिये से भी महत्वपूर्ण बनाता है। सतपुडा की वादियों में स्थित पचमढी अपने पर्यटन के लिए देश एवं विदेश में प्रसिद्ध है। यहां स्थित चौरागढ का मंदिर, बी फाल, राजेन्द्र उद्यान, धूपगढ, पांढव गुफा, चंपक झील, अपसरा बिहार वाटर फाल, जटाशंकर मंदिर, पर्यटको को लुभाता है। साल में एक बार खुलने वाला नागद्वारी मंदिर में दर्शन करने के लिए पर्यटक हर साल प्रतिक्षा करते है। सोहागपुर से स्थित मढई जहां वन्य जीव विचरण करते है यह भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। सिवनीमालवा में स्थित भीलटदेव एवं तिलक सिंदूर में श्रृद्धालुओं की हमेशा भीड रहती है। नर्मदापुरम स्थित सेठानी घाट का अपना एक धार्मिक महत्व है। वहीं हुशंग शाह के किले का ऐतिहासिक महत्व है। इसलिए एक जिला एक उत्पादन में पर्यटन को लिया गया है। इसके अलावा बैतूल में मुक्तागिरि जलप्रपात, सापना जलाश्य, सारणी में स्थित थरमल प्लांट, हरदा का हण्डिया ऐतिहासिक महत्व लिए है। यह सब ना केवल स्थानीय अर्थ व्यवस्था को मजबूत बनाते है बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। यह इस क्षेत्र की धार्मिक धरोहर भी पर्यटन को बढावा देती है।
राष्ट्रीय राजमार्गो और मतबूत कनेक्टिविटी का लाभ नर्मदापुरम जिले को मिलता है। यहां से एनएच 46, एवं गांव गांव बनी प्रधानमंत्री सडक जो इसे अन्य जिले एवं राज्यों से जोडती है और व्यापारिक गतिविधियों को आसान बनाती है। इटारसी में रेलवे जंक्शन जिससे माल की तेज और सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित होती है। नर्मदापुरम में उद्योगो को स्थापित करने में मजबूत आधारभूत संरचना तैयार की गई है। जिसमें सस्ती औद्योगिक भूमि, बिजली और जल की बेहतर उपलब्धता मौजूद है। सरकार की कर छूट सस्ती दरों पर भूमि और प्रोत्साहन योजनाऐं निवेशकों को इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रेरित कर रही है। नर्मदापुरम में स्थित मौहासा एवं कीरतपुर औद्योगिक हब के रूप में विकसित है। नर्मदापुरम संभाग मध्यप्रदेश के मध्यप्रांत क्षेत्र का तेजी से उभरता हुआ केन्द्र बन रहा है। आने वाले वर्षो में यह क्षेत्र व्यापरिक गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र बन सकता है जिससे स्थानीय रोजगार का सृजन होगा और प्रदेश की अर्थ व्यव्स्था को नया बल मिलेगा।
जिले में रीजनल इण्डस्ट्री कान्क्लेव की तैयारी चरम पर-
नर्मदापुरम जिले में 07 दिसम्बर को होने वाली छटवीं नर्मदापुरम संभाग की रीजनल इण्डस्ट्री कान्क्लेव की तैयारियां जोर शोर से की जा रही है। आईटीआई महाविद्यालय में आयोजित होने वाली रीजनल इण्डस्ट्री कान्क्लेव के लिए डोम तैयार किए जा रहें है। हर सेक्टोरियम के लिए अलग अलग व्यवस्थाएं बनाई जा रही है। 03 दिसम्बर तक सभी डोम बनकर तैयार हो जाएंगे।
रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। नर्मदापुरम संभाग जो मध्यप्रदेश के मध्यप्रांत क्षेत्र में स्थित है। आज तेजी से एक उभरते औद्योगिक केन्द्र के रूप में अपनी एक अलग पहचान बना रहा है। अपनी सांस्कृतिक धरोहर प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुनता, उन्नत कृषि की और अग्रसर एवं पर्यटन की अपार संभावना लिए हुए यह क्षेत्र निवेशको के लिए अनगिनत अवसर उपलब्ध कराता है। यहां ना सिर्फ औद्योगिक विकास के लिए मजबूत, आधारभूत संरचना तैयार की गई है। बल्कि इसके पर्यटन और ऐतिहासिक महत्व ने भी इसे और अधिक आकर्षक बना दिया है। आगामी 07 दिसम्बर को नर्मदापुरम संभाग के लिए ऐतिहासिक रूप से नींव का पत्थर साबित होने वाला है क्योकि नर्मदापुरम संभाग के इतिहास में पहली बार नर्मदापुरम जिले में रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाएगा। यह ना केवल मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए अपितु नर्मदापुरम संभाग के औद्योगिक विकास के लिए बूस्टर डोज देने का कार्य करेगा। इस आयोजन से नर्मदापुरम संभाग मध्यप्रदेश के आद्योगिक विकास का नया केन्द्र बनेगा। नर्मदापुरम जिले में वर्तमान में कृषि पर्यटन एवं रिन्यूवल एनर्जी की अपार संभावनाएं मौजूद है। जो निश्चित रूप से देश के निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। नर्मदापुरम संभाग इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि यहां रोड एवं रेल कनेक्टिविटी मौजूद है जो नर्मपुरम एवं उसके आसपास के जिलों को देश एवं प्रदेश से जोडती है। यह कनेक्टिविटी मौजूद रहने से यहां व्यापारिक गतिविधियों की रफ्तार ओर बढ गई है। जिससे निवेशको को माल की ढु लाई और उत्पादों की आपूर्ति में आसानी हो रही है।
नर्मदापुरम जिले का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व इसे पर्यटन के नजरिये से भी महत्वपूर्ण बनाता है। सतपुडा की वादियों में स्थित पचमढी अपने पर्यटन के लिए देश एवं विदेश में प्रसिद्ध है। यहां स्थित चौरागढ का मंदिर, बी फाल, राजेन्द्र उद्यान, धूपगढ, पांढव गुफा, चंपक झील, अपसरा बिहार वाटर फाल, जटाशंकर मंदिर, पर्यटको को लुभाता है। साल में एक बार खुलने वाला नागद्वारी मंदिर में दर्शन करने के लिए पर्यटक हर साल प्रतिक्षा करते है। सोहागपुर से स्थित मढई जहां वन्य जीव विचरण करते है यह भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। सिवनीमालवा में स्थित भीलटदेव एवं तिलक सिंदूर में श्रृद्धालुओं की हमेशा भीड रहती है। नर्मदापुरम स्थित सेठानी घाट का अपना एक धार्मिक महत्व है। वहीं हुशंग शाह के किले का ऐतिहासिक महत्व है। इसलिए एक जिला एक उत्पादन में पर्यटन को लिया गया है। इसके अलावा बैतूल में मुक्तागिरि जलप्रपात, सापना जलाश्य, सारणी में स्थित थरमल प्लांट, हरदा का हण्डिया ऐतिहासिक महत्व लिए है। यह सब ना केवल स्थानीय अर्थ व्यवस्था को मजबूत बनाते है बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। यह इस क्षेत्र की धार्मिक धरोहर भी पर्यटन को बढावा देती है।
राष्ट्रीय राजमार्गो और मतबूत कनेक्टिविटी का लाभ नर्मदापुरम जिले को मिलता है। यहां से एनएच 46, एवं गांव गांव बनी प्रधानमंत्री सडक जो इसे अन्य जिले एवं राज्यों से जोडती है और व्यापारिक गतिविधियों को आसान बनाती है। इटारसी में रेलवे जंक्शन जिससे माल की तेज और सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित होती है। नर्मदापुरम में उद्योगो को स्थापित करने में मजबूत आधारभूत संरचना तैयार की गई है। जिसमें सस्ती औद्योगिक भूमि, बिजली और जल की बेहतर उपलब्धता मौजूद है। सरकार की कर छूट सस्ती दरों पर भूमि और प्रोत्साहन योजनाऐं निवेशकों को इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रेरित कर रही है। नर्मदापुरम में स्थित मौहासा एवं कीरतपुर औद्योगिक हब के रूप में विकसित है। नर्मदापुरम संभाग मध्यप्रदेश के मध्यप्रांत क्षेत्र का तेजी से उभरता हुआ केन्द्र बन रहा है। आने वाले वर्षो में यह क्षेत्र व्यापरिक गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र बन सकता है जिससे स्थानीय रोजगार का सृजन होगा और प्रदेश की अर्थ व्यव्स्था को नया बल मिलेगा।
जिले में रीजनल इण्डस्ट्री कान्क्लेव की तैयारी चरम पर-
नर्मदापुरम जिले में 07 दिसम्बर को होने वाली छटवीं नर्मदापुरम संभाग की रीजनल इण्डस्ट्री कान्क्लेव की तैयारियां जोर शोर से की जा रही है। आईटीआई महाविद्यालय में आयोजित होने वाली रीजनल इण्डस्ट्री कान्क्लेव के लिए डोम तैयार किए जा रहें है। हर सेक्टोरियम के लिए अलग अलग व्यवस्थाएं बनाई जा रही है। 03 दिसम्बर तक सभी डोम बनकर तैयार हो जाएंगे।