रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। जिला मुख्यालय नगर की सड़कों पर आम आदमी का चलना दूभर हो रहा है,सड़कों पर खड़े वाहनों से निरंतर यातायात अवरुद्ध होने सहित शहर में आपराधिक गतिविधियां चरम पर हैं। हत्या, मारपीट, झगड़ा,जुआ, सट्टा अवैध कारोबार जैसी गतिविधियों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। विगत 3 वर्षों से लगातार आपराधिक घटनाएं बढ़ गई है। परंतु हमें उस विषय पर कुछ नहीं कहना है। यदि पुलिस कोई जवाबदारी से कार्यवाही करना चाहती है तो वह शहर के आवागमन को सुचारू रूप से व्यवस्थित करें। हम आपके व्यक्तिगत एहसानमंद रहेंगे। यह बात नर्मदा शिक्षा समिति अध्यक्ष एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भवानीशंकर शर्मा ने पुलिस अधीक्षक को दिए गए आवेदन में कही है। शिकायती आवेदन में अवगत कराया गया कि 18 अक्टूबर की दोपहर करीब 12 बजे घर से आते वक्त सड़क पर खड़े वाहन चालकों से निकालने हेतु रास्ता देने को कहने पर वे लड़ने को उतारू हो गए।नई उम्र के शोहदे सड़क पर मोटरसाइकिल आड़ी खड़ी कर दोस्तों से बात कर रहे थे। हटाने का कहने पर बदतमीजी करने लगे। शहर में हत्या, मारपीट ,झगड़ा, सट्टा,जुआ, अवैध शराब की बिक्री चरम पर है परंतु हमें उसे विषय पर कुछ नहीं कहना। पर शहर का आवागमन सुचारू हो सके। पहले भी निवेदन किया था कि किसी दिन सरकारी गाड़ी छोड़कर बिना वर्दी के दोपहर के समय एवं शाम के समय सेठानी घाट तक चक्कर लगा ले तो वास्तविक स्थिति से अवगत होंगे। शनिवार 19 अक्टूबर की शाम घर जाते वक्त सराफा बाजार पर ट्रैफिक जाम था। कार एवं मोटरसाइकिल दुकान से 20 फीट तक सड़क पर बेतरतीब खड़ी थी। यातायात प्रभारी स्वयं उस जाम में फंसे थे। जब जाम नहीं हटा तो मैं स्वयं नीचे उतरकर मोटरसाइकिल व्यवस्थित करने लगा। आपसे आग्रह है कि यदि सड़क पर खड़े इन बेतरतीब वाहनों को लॉक किया जाए तो दो दिन में यातायात व्यवस्था सुधर जाएगी। आश्चर्य का विषय है कि सभी पीड़ित व्यक्ति ज्यादातर परेशान है परंतु चुप हैं। न जाने क्यों हमसे शिकायत करते हैं, यह पीड़ा केवल हमारी नहीं बल्कि पूरे शहर के रहने वाले अधिकांश नागरिकों की है।