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Home मध्यप्रदेश नर्मदापुरम

एससी एसटी आरक्षण में कोटा देने के विरोध में भारत बंद के तहत जिला मुख्यालय पर भी हुआ बड़ा प्रदर्शन,सौंपा ज्ञापन…वीडियो

by Manish Gautam Chiefeditor
August 22, 2024
in नर्मदापुरम
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एससी एसटी आरक्षण में कोटा देने के विरोध में भारत बंद के तहत जिला मुख्यालय पर भी हुआ बड़ा प्रदर्शन,सौंपा ज्ञापन…वीडियो
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रिपोर्टर सीमा कैथवास

नर्मदापुरम। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आरक्षण में सब कैटीगराजेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विरोध दर्ज कराने के लिए बुधवार 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान किया गया । जिसके तहत नर्दापुरम जिला मुख्यालय पर भी एससी, एसटी, ओबीसी , मूल निवासी बहुजन समाज के लोगों ने विभिन्न रास्ते से होकर नगर के सतरास्ता पर सैकड़ो की संख्या में एकत्रित होकर विशाल रैली मुख्य मार्ग से होकर कलेक्टर कार्यालय पहुंची और अपने हक और अधिकारों के लिए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा। रैली के दौरान भारी संख्या में पुलिस प्रशासन और पुलिस बल मौजूद रहा। राष्ट्रपति के नाम प्रशासन को सौंपा ज्ञापन। सौंपे गए ज्ञापन में निम्न विषय रहे –

विषय – दिनाँक 01 अगस्त 2024 को माननीय सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली द्वारा पारित निर्णय द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति के आरक्षण में क्रीमीलेयर जारी कर संघर्षशील जातियों को उनके हक अधिकारों से वंचित करने पर रोक लगाने बावत।

उपरोक्तानुसार प्रकाशित घटना से देश का अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग ही नही बल्कि सम्पूर्ण आरक्षित,अल्पसंख्यक वर्ग के सचेतक लोग इस निर्णय से दुखी होकर दहशत में है।
आपसे अनुरोध है कि –

1- 01 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी के आरक्षण के तहत वर्गीकरण हो तथा क्रीमीलेयर भी लागू हो,यह फैंसला हमे आपस मे वर्गीकृत करने का है इस पर तुरंत रोक लगे तथा इन वर्गों की जो जातियां अपने भागीदारी से वंचित रह गयी है उनको बैकलॉग के तहत सम्पूर्ण देश मे रिक्त विभिन्न संवर्ग के पदों पर स्थायी नियुक्ति देकर उनके पिछड़ेपन को दूर किया जाये , इसके लिए समय सीमा में अभियान चलाकर नियुक्तियाँ दी जाये।

2- अस्वच्छ धंधों से जुड़ी अनुसूचित वर्ग की जाति चिन्हित कर उनके पुस्तेनी धंधों से निजात दिलाते हुए उन्हें शिक्षित कर सम्मानित धंधों से जोड़ा जावे l

3- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 को पूर्व की भांति लागू कर अत्याचारों पर रोक लगायी जाएं।

4- कुछ मामलों में सुप्रीम कोर्ट स्वतः संज्ञान ले सकता है तो फिर अनुसूचित जाति और आदिवासियों पर निरंतर हो रहे अत्याचार, शोषण के मामलों में जिनमे पुलिस कार्यवाही नही करती है उनमें सीधा सुप्रीम कोर्ट में संज्ञान लेने हेतु सुप्रीम कोर्ट को निर्देशित किया जाए ऐसे ज्वलंत घटनाये जैसे,मूछ रखने पर हत्या, घोड़ी पर बारात निकालने पर प्रतिबंध (उदाहरण के तौर पर एससी दूल्हा को घोड़े पर बैठकर बारात नहीं लगाने दी) , स्कूल में मटके से पानी पर विद्यार्थी की हत्या सार्वजनिक शमसान घाटों पर दाह संस्कार करने पर आपत्ति व रोक,अनुसूचित वर्ग के स्वामित्व की भूमि पर बलात कब्जा, ग्रामीण अंचलों में अनुसूचित वर्ग के लोगो की दाढ़ी कटिंग पर रोक, अनुसूचित वर्ग के साथ सामूहिक बलात्कार एवं हत्या , निर्वस्त्र करने, उनकी संपत्ति को नष्ट कर उन्हें उनके निवास स्थान को छोड़ने को मजबूर करने जैसे जघन्य अपराधों में सीधा संज्ञान लेकर समय सीमा में न्याय प्रदान कराने हेतु सुप्रीम कोर्ट को स्थायी आदेश जारी करने की मेहरवानी करे, ताकि इन वर्गों के उत्पीड़न को रोका जा सके।

5- संपूर्ण देश मे आज भी जाति व्यवस्था लागू है,जब तक जाति व्यवस्था लागू रहती है तब तक इन वर्गों को उनकी जाति संख्या के आधार पर आरक्षण को जारी रखा जाये तथा ऐसे में जो आरक्षण का विरोध करते है उन पर देशद्रोह व संविधान का विरोध करने का अपराध कायम कर दंडित किया जावे।

6- निजी क्षेत्र में अनुसूचित जाति,जन जाति अल्पसंख्यस्क तथा पिछड़ा वर्ग को उनकी जसनसँख्या के मान से भागीदारी तय की जाये ,पालन न करने वाले व्यवसायियों की मान्यता रद्द की जाये।

7- कॉलेजियम सिस्टम को खत्म किया जाए और न्यायालय में अनसूचित जाति ,जनजाति के वर्ग को भी स्थान दिया जावे l

8- पांचवी और छठी अनुसूची लागू की जाए ताकि आदिवासी समाज का जल ,जंगल और जमीन पर मालिकाना हक हो सके।

https://www.mpnewscast.com/wp-content/uploads/2024/08/km_20240822_540p_30f_20240822_093543.mp4

9- जंससँख्या के मान से अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगो को हिन्दू मंदिरों में पुजारी नियुक्त किये जायें और यदि सरकार ऐसा करने में असमर्थ रहती है तो इन वर्गों को धर्मांतरण करने की स्वतंत्रता दी जाये।

10- कुछ अर्से पूर्व से सरकार द्वारा एट्रोसिटी एक्ट को प्रभावहीन कर दिया है जिससे इन वर्गों पर अत्याचारों में बढ़ोतरी हो रही है, जिस हेतु एट्रोसिटी एक्ट को पूर्ववत लागू किया जाये।

11- अन्य जातियों की भांति अनुसूचित वर्ग की बहादुर जातियों के नाम से फ़ौज में रेजिमेंट शुरू की जाये।
सरकार द्वारा फ़ौज में अग्निवीरो योजना समाप्त की जाये I

12- जनसंख्या गणना कराकर जाति के अनुपात से सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया जावेl

13- सोची समझी रणनीति के तहत सरकारी स्कूलों को बंद कर प्रायवेट स्कूलों मान्यता देकर शिक्षा महंगी कर दी जिससे SC, ST, के बच्चों को शिक्षा से बंचित किया जा रहा है I

14- वर्षों से सरकार द्वारा बैकलॉग के पदों पर भर्ती करने हेतु समय बढ़ाया जा रहा है लेकिन भर्तियां नही की जा रही है जिससे लाखो लोग सेवा से वंचित रहकर ओवर ऐज हो रहे है तथा इसी प्रकार सरकार द्वारा पदोन्नति नही किये जाने से बहुत सारे कर्मचारियी को इसका लाभ नही मिल रहा है समय सीमा में हल कर पदोन्नति दी जावे।

15- किसानों की उपज का MSP लागू कर किसान को बिचौलियों से बचाया जावे ताकि उनका जीवन सुखमय हो I

16- संसद में जो सासंद अनुसूचित जाति, अनुचित जनजाति से निर्वाचित होते यदि वह SC, ST के ऊपर हो रहे अत्याचार और उनके विकास हेतु संसद में आवाज नही उठाते उनकी सदस्यता समाप्त की जावे।

17- हरिजन शब्द पर माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक लगाई गई है, लेकिन दूषित मानसिकता के अधिकारी अभी भी पत्राचार, पुलिस रिपोर्ट राजस्व अभिलेखों स्कूलों के नाम, मोहल्लों के नाम इत्यादि में हरिजन शब्द का उपयोग कर रहे इन्हें तत्काल दुरुस्त कराते हुए दोषी पर तत्काल कार्यवाही की जाये।

18- 02 अप्रैल 2018 को शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे अनुसूचित वर्ग के युवाओं पर पुलिस व व्यभिचारियों द्वारा उनकी हत्या की गई है तथा असंख्य निर्दोष लोगों पर झूंठे प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है उन्हें तुरंत वापस लेकर मृतको के परिवार को आर्थिक सहयोग तथा शासकीय नौकरी दी जाये।

19- अधिकांश जिलों में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के लोगों की हत्या, अपहरण तथा उनके स्वामित्व की भूमि पर अवैध कब्जा होने के पुलिस थाने में प्रकरण पंजीबद्ध उन्हें त्वरित न्याय दिलाया जावे।

20- आरक्षण एवं एससी-एसटी एक्ट को संविधान की नौवीं अनुसूची में रखा जाए।

21- नगरीय निकायों में कार्यरत सफाई कर्मचारियों को नियमित किया जाए।

22- *शराब* अनुसूचित जाति और जनजाति के परिवार शराब के नशे में तन मन धन से बर्बाद हो रहे हैं और सरकार भी अनुसूचित जाति और जनजाति के क्षेत्र में शराब की दुकान खोलकर उन्हें शराब का आदि बना रही है जिससे वह अपनी मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक स्थिति से बर्बाद हो चुके हैं। शीघ्र ही शराब बंदी कर इन्हें बर्बाद होने से बचाए।

23- लेटरिल व्यवस्था से असंवैधानिक तरीके से उप सचिव बनाने बंद करें ।
सौंपे गए ज्ञापन में उक्त विषय रहे। बहुजन समाज आपसे अनुरोध करता है कि कृपया वर्णित बिंदुओं पर तत्काल कार्यवाही करने हेतु संबंधितों को पाबंद किया जाये। इस अवसर पर बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों द्वारा कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन सौंपने पहुंचे गुमान सिंह मांडले, पीपी चौधरी मनीष वारवे, संचालन करता मनीष वारवे, श्याम अहिरवार एवं अन्य सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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