रिपोर्टर : हेमन्त सिंह
कटनी: केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में प्रधानमंत्री द्वारा निर्दिष्ट “ज्ञान” (गरीब, युवा, अन्नदाता, नारी) समूह के उत्थान पर केंद्रित और “विकास भी, विरासत भी” के तहत वित्त मंत्री के द्वारा मध्य प्रदेश में विशेष रूप से गरीब कल्याण, इंफ्रास्ट्रक्चर, पर्यटन और रोजगार सृजन पर ध्यान दिया गया। साथ ही वर्ष 2024-25 में मध्य प्रदेश को केंद्रीय करों में 98 हजार करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया गया जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 11,205 करोड़ रुपये अधिक हैं। साथ ही मध्यप्रदेश में संचालित केंद्रीय योजनाओं के लिए 44 हजार करोड़ का अनुदान मिला है। हालांकि बजट में मुख्यतः बिहार और आंध्र प्रदेश पर विशेष ध्यान देने के कारण मीडिया और विपक्ष के नेताओं द्वारा लोकसभा चुनाव के परिणाम से जोड़ते हुए बजट पर कटाक्ष किया गया है।
मध्य प्रदेश को आवंटित किया गया 98,000 करोड़ का बजट मध्य प्रदेश के लिए एकत्रित किये गए केंद्रीय कर के अनुपात के हिसाब से दिया गया है। इसमें से 29,399 करोड़ कॉर्पोरेशन टैक्स, 33,859 करोड़ आय कर, 29,249 करोड़ सीजीएसटी (CGST), 4,322 करोड़ कस्टम्स, 911 करोड़ केंद्रीय एक्साइज़ ड्यूटी, 160 अन्य टैक्स और ड्यूटी और 3 करोड़ सर्विस टैक्स से एकत्रित किया गया है।
कोविड-19 महामारी के कठिन समय में प्रदेश का ध्यान रखते हुए अतिरिक्त उधार के रूप में 18034 करोड़ रूपये प्रदान किये गए।
बजट में मध्य प्रदेश केंद्रित प्रमुख घोषणाएं:
• इंफ्रास्ट्रक्चर
• भोपाल, इंदौर, जबलपुर, सागर और ग्वालियर में 5 रिंग रोड के विकास के साथ-साथ अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए कुल 29 हजार 710 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया।
• NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) द्वारा 19 हजार करोड़ रुपये की लागत के 28 प्रोजेक्ट्स तैयार किए जा रहे हैं।
• धार के पीथमपुर में 60 करोड़ रुपये के मल्टी मॉडल लाजिस्टिक पार्क के विकास की भी योजना बन रही है।
• पर्यटन
• उज्जैन के रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक 1.762 किमी रोपवे के विकास के लिए 100 करोड़ आवंटित किये गए जिसमें 3 स्टेशन और 13 टॉवर बनाए जाएंगे जिससे मंदिर आने वाले श्रद्वालुओं को राहत मिलेगा। साथ ही इसे सिंहस्थ की तैयारी भी बताई जा रही है।
केंद्रीय बजट के अन्य घोषणाएं जिनसे मध्य प्रदेश को लाभ मिलेगाः
• गरीब कल्याण
• गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत देश भर में 3 करोड़ नए घर बनेंगे जिससे मध्य प्रदेश के गरीब नागरिक भी लाभान्वित होंगे।
• गरीब कल्याण अन्न योजना के लिए 2.05 लाख करोड़ आवंटित हुए जिससे 80 करोड़ नागरिक को लाभ मिलेगा और मध्य प्रदेश के 5 करोड़ लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
• बजट में पीएम स्वनिधि योजना से 5 साल में 100 शहरों में भारतीय स्ट्रीट मार्केट खोले जाने की घोषणा की गई है। इससे मध्य प्रदेश को भी लाभ मिलना अपेक्षित है।
• उद्योग, रोज़गार और स्वरोज़गार
• अगले 5 साल में 4 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का ऐलान किया गया है जिससे मध्य प्रदेश के 40 लाख बेरोज़गार युवाओं को लाभ मिलेगा। रोजगार सृजन योजनाओं के लिए 2 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय की घोषणा की गई है।
• मध्यप्रदेश की सीखो कमाओ योजना के तहत करीब 9 लाख युवाओं को इंडस्ट्री में काम मिलेगा। 5 साल की अवधि में 1 करोड़ युवाओं को स्किल्ड करने का एलान किया है और 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITIS) स्थापित किए जाएंगे।
• मुद्रा लोन की सीमा को ₹10 लाख से बढ़ा कर ₹20 लाख किए जाने से मध्य प्रदेश के युवाओं का एंटरप्रेन्योर बनने का सपना साकार होगा। इससे छोटे कारोबारियों, विशेष रूप से महिलाओं, दलित, पिछड़े और आदिवासी परिवारों में स्वरोजगार को बल मिलेगा।
• ऊर्जा
• एनटीपीसी और बीएचईएल संयुक्त रूप से एक उद्यम स्थापित कर एयूएससी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर 800 मेगवाट का वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित करेगी।
• नारी सम्मान
• महिला और नारी विकास की दृष्टि से महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है। इसके अलावा वर्किंग वूमन के लिए सरकार हॉस्टल और चाइल्ड होम्स का निर्माण भी करेगी।
• अन्नदाता
• कृषि और सम्बंधित क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
• सब्जी उत्पादन क्लस्टर बनने से छोटे किसानों को सब्जियों-फल, अन्य उपज के लिए नए बाजार
और बेहतर दाम मिलेंगे।
• अगले दो वर्षों में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती में शामिल किए जाने का लक्ष्य है।
• जनजातीय कल्याण
• प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत देशभर के 63 हजार गांवों के 5 करोड़ आदिवासी समुदाय के लोगों को लाभ मिलेगा। मध्य प्रदेश में 22 प्रतिशत आदिवासी वर्ग की जनसँख्या होने के कारण लाखों आदिवासी परिवारों का जीवन स्तर बेहतर होगा।
मध्य प्रदेश के लिए प्रमुख योजनाएं / परियोजनाएं के तहत जारी की गयी धनराशि
1. ग्रामीण विकास मंत्रालय
• मनरेगा के तहत जारी हुई धनराशिः
■2022-2023: 5,702 करोड़
■2023-2024: 5,609 करोड़
• प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण):
■ 2021-22 से 2023-24 के बीच 11,126 करोड़
• प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनाः
■ 2021-22 से 2024-25 तक रु. 4,951.6 करोड़ की लागत से कुल 3,61,744 किलोमीटर की 993 सड़कों को स्वीकृति प्रदान की गयी।
2. आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय
• प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी):
■ 2020-21 से 2023-24 तक स्वीकृत घरों की संख्या: 9,61,147
■ आवंटित धनराशिः रु. 15,284.69 करोड़
3. सड़क परिवहन मंत्रालय
• प्रमुख राजमार्ग परियोजनाओं को पूरा करने के लिए जारी की गई धनराशिः
■ 2022-23: 6,210 करोड़
■ 2023-24: 7,447 करोड़
4. शिक्षा मंत्रालय
• समग्र शिक्षा
■ 2021-22: 2,292.8 करोड़
■ 2022-23: 1,939.2 करोड़
■2023-24: 2,981.5 करोड़
• प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण
■2022-23: 362.85 करोड़
■2023-24: 634.04 करोड़
5. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
• राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशनः
■2022-23: 2,582.10 करोड़
■2023-24: 2,545.68 करोड़
बजट के बाद नैरेटिव बनाने हेतु बिंदु
• विकसित भारत में ही विकसित मध्य प्रदेशः कृषि, रोजगार और कौशल, समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवाओं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढांचे, नवाचार, अनुसंधान और विकास और अगली पीढ़ी के सुधारों में उत्पादकता और लचीलापन पर केंद्रित बजट से मध्य प्रदेश को लाभ मिलेगा और विकसित भारत बनाने में मध्य प्रदेश अहम भूमिका निभाएगा।
• अमृत काल की अमृत पीढ़ी का निर्माणः बजट का फोकस छात्रों के बीच उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने पर भी है। इसके लिए प्रत्यक्ष ई-वाउचर, ब्याज सब्सिडी और वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है ताकि किसी छात्र को अपने सपनों को पूरा करने में कोई बाधा न हो। अमृत पीढ़ी के सपनों को 1 लाख करोड़ के राष्ट्रीय अनुसंधान कोष से और बढ़ावा मिलेगा, जिसका उद्देश्य निजी क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना
है।
• रोजगार सृजन पर केंद्रित केंद्रीय बजट से गरीबों का कल्याण, महिलाओं का आत्मनिर्भर होना, युवाओं को रोजगार सुनिश्चित है। शहरी विकास, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग, स्टार्ट अप को संतुलित प्राथमिकता दी गई है। स्वास्थ्य क्षेत्र के आवंटन में 12.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
प्रदेश पर केंद्र की मोदी सरकार का विशेष ध्यान रहता रहा है
• 2009-10 में कांग्रेस और UPA सरकार में कर हस्तांतरण 11,077 करोड़ था. 2014-15 में भाजपा सरकार आने के बाद यह लगभग 2 गुना बढ़कर 24,017 करोड़ और 10 वर्ष पूरे होने तक 2023
-24 में 8 गुना बढ़ाकर 88,665 करोड़ कर दिया गया।
• भारत सरकार द्वारा ग्रांट इन एड (सहायता) 2009-10 में मात्र 6,663 करोड़ थी, 2014-15 में तीन गुना बढ़कर 19,592 करोड़ और 2023-24 में 6 गुना बढ़कर 40,184 करोड़ हुआ।
• वित्त आयोग द्वारा राज्य सरकार को अनुदान 2009-10 में 1,318 करोड़ से बढ़ाकर 2014-15 में लगभग दो गुना कर 2,525 करोड़ और 2023-24 में लगभग 4 गुना बढ़ाकर 7,028 करोड़ किया गया।