रिपोर्टर : हेमन्त सिंह
कटनी : ई-गवर्नेंस अधिकारी ने मेरे से कोरे कागज पर कराया था हस्ताक्षर, मेरी आधार वर्क सुपर वाईजर आई-डी से संबंधित जानकारी से रखा था गुमराह , जानकारी के अनुसार हम आपको बता दे कि, आज दिनांक 6 अगस्त 24 को जिला कटनी कलेक्टर श्री यादव द्वारा आयोजित जन सुनवाई मे निधि ठाकुर ने अपनी आधार-वर्क सुपरवाईजर आई-डी से संबंधित अपनी बात रखी, कि में सुश्री निधि ठाकुर पिता नरेश ठाकुर शेर चौक निवासी ने अपनी आधार वर्क सुपरवाईजर आई-डी से संबंधित सारे दस्तावेजो के साथ जन सुनवाई मे अपनी बात रखते हुए कहा की मेरे अधिकारी द्वारा मेरी आधार वर्क सुपरवाईजर आई-डी से संबंधित सभी जानकारी से मुझे गुमराह किया गया था, और जो कि मेरे अधिकारी श्री सौरभ नामदेव द्वारा मेरी आधार आई-डी सुपर वाईजर के पद पर काम करने के लिए मैंने परीक्षा द्वारा देकर यह सुपरवाईजर का पद हासिल किया गया था, लेकिन मेरे अधिकारी श्री सौरभ नामदेव द्वारा ने मेरे इस पद को प्राइवेट सेक्टर बता कर रखा गया और मेरे अधिकारी सौरभ नामदेव जी ने अपने ही रिश्तेदार आलोक नामदेव को मेरा अधिकारी बताकर उनके अंडर मे आधार आई-डी बनाने का कार्य सौपा गया और सौरभ नामदेव जी द्वारा मेरे से बोले की अब से यह ही तुम्हारे बॉस है इन्ही के अंडर मे तुम काम करोगे और यही तुम्हारी वेतन देंगे , और जो भी तुम आधार आई-डी बनाओगे इस बात की सारी जानकारी इनको दोंगे और जो भी आधार कार्ड आई-डी बनाने की राशि तुम्हारे पास आयेगी तुम पूरी पैसे को एकत्र कर अपने बॉस आलोक नामदेव को सौपोगें फिर तुम को वेतन आलोक नामदेव जी के द्वारा वेतन का भुगतान दिया जायेगा, लेकिन मेरे अधिकारियों द्वारा इस बात की जरा भी एैहासास होने नही दिये कि मै जिला प्रशासन के लिए काम कर रही हु यां फिर आलोक नामदेव जी के लिए काम कर रही हु,
उन्होंने मेरे से मेरी आइडेंटी कार्ड व नियुक्ति लेटर तक छुपाया कर रखा गया और जो मेरी हर महीने शासन द्वारा वेतन भुगतान की राशि दिया जाता है उसकी भी आजतक मुझे जानकारी नही दी गई, और मेरे द्वारा आधार आई बनाने के कार्य से जो मेरे को वेतन भुगतान के लिए मेरे कभीर भी मेरा बैंक खाता नम्बर नही लिया गया मेरे जो भी वेतन दिये है वह सब नगद राशि के तौर पर ही वेतन का भुगतान किया जाता था, जब मेरी अचानक आधार वर्क आई-डी मेरे अधिकारी सौरभ नामदेव जी के द्वारा बन्द कर दी गई थी और मेरे द्वारा एक लिखित शिकायत पत्र के माध्यम से उच्च अधिकारी से अवगत कराया गया और उस शिकायत के अनुसार मुझे सौरभ नामदेव जी ने अपने कार्यालय मे बुलाकर कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाया और मेरी सैलरी बढ़ाने की बात रखी और मेरी आधार वर्क आई डी चालू कर दी गई , जिसमे मे अपने कार्य की और फिर ध्यान देने लगी फिर 6 से 7 महीने के बाद सौरभ नामदेव जी के द्वारा दोबारा अचानक से मेरे को बिना कोई सूचना के वापस मेरी आधार सुपरवाईजर वर्क आई-डी को बन्द कर दिया गया और आई बन्द होने की जानकारी के लिए मे वापस ई-गवर्नेंस कार्यालय पहुँच कर अधिकारी सौरभ नामदेव जी मांगी तो उन्होंने मेरे को 7 माह के बाद आई डी चालू करने का झूठा आश्वाशन दिया और मै अपनी आई-डी की जानकारी के लिए काफी बार चक्कर काटे और ऐसे ही करते करते आज 3 साल से भटकाया जा रहा तक मुझे कोई सही जानकारी नही दी गई।