राजस्व महाअभियान प्रशासन द्वारा चलाये जाते हैं, संपूर्ण राजस्व अभियान में संपूर्ण
कार्य करने वाला इकलौता कर्मचारी पटवारी है, इस एक कर्मचारी की मॉनिटरिंग (समीक्षा)
राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख, अधीक्षक भू-
अभिलेख, प्रभारी अधिकारी भू-अभिलेख, अनुविभागीय अधिकारी, श्रीमान् अपर कलेक्टर, श्रीमान्
कलेक्टर, श्रीमान् संभागीय आयुक्त, आयुक्त भू-अभिलेख, प्रमुख सचिव राजस्व सभी करते
हैं। सबसे कम वेतन और सबसे कम संसाधन पटवारी के पास है। प्रदेश के सभी पटवारियों
की हार्दिक इच्छा है कि एक बार एक अभियान पटवारियों के लिए भी चलाया जाय, जिससे
उनको भी यह लगे कि हमारे लिए केवल घोषणायें ही नही होती हैं। शासन प्रशासन कुछ
करना भी चाहता है। गत अभियान को भी पूर्णतः सफल पटवारियों ने ही बनाया था। अभियान
लिय
समय माननीय राजस्व मंत्री महोदय के द्वारा अभियान के शुरुआत में ही कहा था,
‘ अभियान सफल करो, आपकी सारी माँगें पूरी होगी। माँगे पूरी होनी तो दूर हडताल अवधि का
“वेतन भी आज दिनांक तक अप्राप्त है, जबकि पटवारियों से संबंधित तत्समय का कोई भी
कार्य शेष नही है। श्रीमद् भगवत गीता में कहा गया है कि मजदूर का पसीना सूखने के पहले
उसकी मजदूरी दे देनी चाहिये, किन्तु वर्तमान माननीय मुख्यमंत्री महोदय जिनके अराध्य ही
श्री कृष्ण हैं, उनके मुख्यमंत्रित्व काल में पटवारियों को गत 05 महीनों से वेतन भत्तों के लाले
पड़ें हैं। प्रदेश के किसी भी पटवारी को इन 05 महीनों के संपूर्ण वेतन भत्ते प्राप्त नही हैं। भूखे
पेट रहकर भी आपके निर्देशानुसार प्रदेश के अन्नदाता के हित में प्रदेश के पटवारी इस
अभियान को भी सफल बनायेंगे। साथ में अभियान में आने वाली समस्यायें एवं हमारी
समस्यायें भी सुन ली जाये, जिससे पटवारियों को प्रशासनिक अमले के द्वारा प्रताडित नही
किया जाय ।
राजस्व महाअभियान में आने वाली समस्यायें:-
1. दिनांक 15 जून से 15 अक्टूबर का समय बर्षा का होता है, जिसमें अतिवृष्टि, बाढ़,
जलभराव, भूस्खलन, प्रदूषित पानी से डायरिया जैसी बीमारी का खतरा बना रहता है,
जिसकी रिपोर्टिंग इकाई पटवारी ही है। साथ ही कई जिलों में बाढ़ कन्ट्रोल रुम में प्रत्येक
दिन 24 घटे में 6-6 घण्टे में सभी पटवारियों की ड्यूटी, परीक्षाओं में पटवारियों की ड्यूटी,
सीबीआई जाँच में पटवारियों की ड्यूटी, एन ए आई में पटवारियों की ड्यूटी लगायी हुई
है। यह कि इन ड्यूटियों से पटवारियों को मुक्त कराया जाय अथवा इन ड्यूटी के साथ-
साथ राजस्व अभियान करने पर ड्यूटीरत पटवारियों को लक्ष्य प्राप्ति के अभाव में प्रताडित
नही किया जाय।
2. अभियान के दौरान सारे कार्य ऑनलाईन होते हैं तो बेव जीआईएस और सारा एप के सर्वर
की व्यवस्था कार्यालयीन समय में ठीक करायी जाय, क्योंकि गत अभियान में पटवारियों
द्वारा रात-रात भर जाग कर कार्य किया गया, क्योंकि दिन में सर्वर काम नही करता
था।
3. नक्शा बटांकन, सीमांकन के कार्यों में बरसात, खेतों की स्थिति और वन सीमा का ध्यान
रखते
हु कार्यों को कराया जाय। कई जिलों में बन्दोवस्त नही होने से 1923 के नक्शे
लागू हैं, वहाँ एक-एक खसरे में 100 से अधिक बटा नम्बर हैं, जिसके कारण बटांक एवं
बंटवारों की इत्तलायाबी साफ्टवेयर की तकनीकी खामियों के कारण नही हो पाते हैं। कई
जिलों में नक्शे ही नहीं है, जहाँ नये सिरे से नक्शे बनाये जा रहे हैं। पटवारियों को नक्शे
बनाने का अनुभव नही है, फिर भी उनसे यह कार्य कराने से त्रुटि होने की आशंका है,
इसलिए इन कार्यों में राजस्व निरीक्षकों को लगाया जाय। इसी प्रकार नगर निगमों की
सीमा बढ़ने से कई ग्राम पंचायतें नगर निगम भोपाल में शामिल हो गयी है, जहाँ
अत्यधिक जमीनी विवाद हैं, वहाँ बटांकन अभियान रूप में करने से विवाद होने की
आशंका है, ऐसे सभी स्थानों में अभियान में बटांकन कार्य नही कराया जाय ।
4. माननीय के द्वारा पटवारियों को मुख्यालय में रहने के निर्देश हैं, इसलिए अभियान के
दौरान तहसीलों में नही बुलाया जाय और समीक्षा बैठके कार्यालयीन समय में ऑनलाईन
करायी जाय।
5. माननीय प्रधानमंत्री महोदय के द्वारा निर्धारित कार्यकाल प्रातः 10.00 बजे से 6.00 बजे
तक है और इसी अवधि में पटवारियों से भी कार्य कराया जाय। शनिवार व रविवार
अवकाश के दिनों में समीक्षा बैठक अथवा अन्य कार्य नही लियें जाय । यह स्मरण दिलाना
भी आवश्यक है कि वर्तमान समय में पटवारियों में एक तिहाई संख्या महिला पटवारियों
की है और कहीं भी मुख्यालयों में पटवारियों के आवास की व्यवस्था नही है। इसलिए
कार्यालयीन समय के अतिरिक्त मुख्यालय की अनिवार्यतः समाप्त की जाये।
पटवारियों की समस्यायें:-
1. कर्मचारी आयोग में लंबित वेतनमान का निराकरण कर वेतनमान संशोधित करने,
समयमान वेतन विसंगति दूर करने एवं प्रदेश में डी पी सी के माध्यम से उसी जिले में
पटवारियों की पदोन्नति राजस्व निरीक्षक के पद पर अबिलम्ब की जाए, साथ ही पटवारी
संवर्ग से नायब तहसीलदार परीक्षा विभागीय आधार पर तत्काल आयोजित कराई जाए।
साथ ही मान. मुख्यमंत्री महो. की घोषणानुसार नवोदित पटवारियों को 100 प्रतिशत वेतन
दिया जाय।
2. प्रदेश के पटवारियों को हडताल अवधि का वेतन, गत 05 महीनों का वेतन भत्तों के एरियर
सहित और नवोदित प्रशिक्षु पटवारियों का संपूर्ण वेतन और स्वामित्व योजना का मानदेय
तत्काल दिलाया जाय ।
3. सर्व सुविधायुक्त मोबाईल दिलाया जाय, जिससे सभी पटवारी सुविधाजनक तरीके से
किसान के कार्य कर सके। साथ ही लैपटाप की राशि 50000 से बढाकर 75000 की जाय,
जिससे निर्धारित मापदण्ड के अनुसार बचे पटवारी लैपटाप खरीद सके, क्योंकि पूर्व की
राशि वर्ष 2016-17 में तय की गयी थी ।
4. सीपीसीटी उत्तीर्ण सभी पटवारियों को परिवीक्षा अवधि से मुक्त कर उनके इंक्रीमेंट लगाये
जाय। बाकी साथियों को एक वर्ष का अतिरिक्त समय दिया जाय ।
एक वर्ष का
5. श्रीमान् प्रमुख सचिव महोदय के द्वारा पटवारियों की समस्याओं के लिए विभागीय
परामर्शदात्री समिति की बैठक हेतु जिला कलेक्टरों को निर्देश दिये गये थे, किन्तु एक-दो
जिलों को छोड़कर किसी जिले में यह बैठक आयोजित नही की गयी, जिसके कारण जिला
अनुभाग एवं तहसील स्तर पर समयमान सहित अनेक वित्तीय समस्यायें लंबित हैं, जिससे
पटवारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, इन बैठकों को आयोजित कर जिला स्तर की
समस्यायें निराकृत की जायें।
6. बार-बार माननीय के द्वारा मुख्यालय में रहने और निष्पक्ष कार्य करने की बात कही
जाती है, जबकि 95 प्रतिशत पटवारियों को आवास भत्ते के नाम पर 219.00 से 429.00
रुपये मिलते हैं, जिससे कहीं किराये का भी मकान नही मिलता और किसी के घ
रहने पर निष्पक्ष नही माना जाता ।
निर्मित कराया जाय, जिससे पटवारी, मुख्यालय में कार्यालय संचालित किया जा सके।
कार्यालय बनाते समय इस बात का ध्यान रखा जाय कि वर्तमान परिपेक्ष्य में 1/3 महिला
पटवारी हैं।
7. जिला भोपाल में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ई डायरी प्रारंभ की गयी है, जो पूर्णत
अव्यवहारिक एवं पटवारियों के कार्य की दशा के विपरीत है, साथ ही पटवारी सारे कार्य
आनलाईन करता है एवं उसकी उपस्थिति एवं समीक्षा के लिए राजस्व निरीक्षक, नायब
तहसीलदार, तहसीलदार एवं यह व्यवस्था समाप्त किये जाने की कृपा की जाय ।