हनुमानजी के अनेक मंदिरों के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं मध्य प्रदेश में कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जहां हनुमानजी डॉक्टर बनकर मरीजों का इलाज करते हैं तो कहीं जज बनकर फैसला भी सुनाते हैं। सुनने में ये बात अजीब लग सकती है लेकिन ये सच है। इन मंदिरों को दवाई वाले हनुमान और कोर्ट वाले मंदिरों के नाम से जाना जाता है। आज (23 अप्रैल, मंगलवार) हनुमान जयंती के मौके पर जानिए मध्य प्रदेश के ऐसे ही चुनिंदा मंदिरों के बारे
सागर जिले के बीना के कठाई गांव में है दवाई वाले हनुमानजी का मंदिर। ये मंदिर लगभग 150 साल पुराना है। यहां लोगों को हड्डी जोड़ने की दवाई दी जाती है। दूर-दूर से लोग यहां दवाई लेते हैं। मंदिर के मुख्य पुजारी मुलायम सिंह लोधी के अनुसार यहां दवाई देने की शुरूआत उनके दादा ने की थी। जिससे इस मंदिर का नाम दवाई वाले हनुमान पड़ गया।
सागर के कैंट एरिया में है परेड वाले हनुमानजी का मंदिर। यहां हनुमानजी की पूजा सैनिक के रूप में की जाती है। ये मंदिर लगभग 600 साल पुराना बताया जाता है। कहते हैं कि सेना का एक जवान हनुमान जी का परम भक्त था। वह बार-बार परेड छोड़कर यहां दर्शन करने आ जाता था। एक बार जब कर्नल हाजिरी रजिस्टर का निरीक्षण करने पहुंचे तो वह बहुत डर गया। लेकिन जांच में उस रजिस्टर में सैनिक के दस्तखत पाए गए। तभी से यह परेड हनुमान मंदिर के रूप में जाना जाने लगा।
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