हरिशंकर बेन
पूरे देश मैं भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई और बाबा साहेब के विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। तो वही कटनी जिले रीठी एक्सीलेंस स्कूल सभाकक्ष मैं शिक्षकों और पलको के सहयोग से डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती का आयोजन किया गया जिसमे सभी क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहब की छायाचित्र पर माल्याअर्पण कर दीप प्रज्वलित से हुई । मुख्य रूप से मंचासीन हुए विद्यालय प्राचार्य भारत सिंह ठाकुर,हेमराज कारपेंटर,चंदन सिंह,हरिशंकर बेन, नन्हेलाल अहिरवार,रतिलाल चौधरी,रजनी टैगोर,सुमा मरकाम तथा कार्यक्रम का संचालन संतोष कुमार पटेल ने किया।
सभी वक्ताओं ने बाबा साहब के जीवन दर्शन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा है कि डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव महू में हुआ था। उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता भीमाबाई थीं।
बाबा साहब के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर लोगों को चलना चाहिए उनका विचार था कि सभी को समान अधिकार मिले और सभी लोग शिक्षित बने।भारतीय संविधान बनाने में बाबा साहब का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उनका विचार था कि समाज में समता होनी चाहिए। सभी को बराबर का अधिकार एवं न्याय मिलना चाहिए। डॉ. अम्बेडकर जी का पूरा जीवन संघर्ष, सत्यनिष्ठा, लगन व वंचित वर्ग के प्रति करुणा का प्रतीक रहा । उन्होंने व्यक्तिगत जीवन मे अनेक बाधाओं व कष्टों को सहा किंतु कभी भी अपने लक्ष्य से विचलित नहीं हुए। सार्वजनिक जीवन मे उन्होंने अश्पृश्यता व भेदभाव का कड़ा विरोध किया। महापुरूषों के जीवन का अनुसरण करते हुए व्यक्ति को उनके द्वारा बताए गए रास्तों पर चलकर देश, प्रदेश की तरक्की, खुशहाली के लिए अपना जीवन व्यतीत करना चाहिए। वही
हम सभी को सबसे ज्यादा शिक्षा पर जोर देकर अपने बच्चो को उच्च शिक्षित बनाना होगा । तभी हमे विकास के रास्ते मिलेंगे । क्योंकि शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है जिससे आप कहीं भी विजय हासिल कर सकते हैं।
आज हम एक सफल लोकतंत्र के रूप में दुनिया भर में सम्मान की दृष्टि से देखे जाते हैं तो इसके पीछे उस संविधान की सबसे बड़ी भूमिका है। एक अच्छा लोकसेवक और एक अच्छा नागरिक बनने के लिए हमे डॉ भीमराव अम्बेडकर की जीवनी व उनकी लिखी किताबों को पढ़ना चाहिये और बच्चो को पढ़ना चाहिए
प्रमोद बेन(केना)प्रमोद बेन (बरेहता)बहोरीलाल चौधरी, अजय सूर्यवंशी, मनीष भालेराव, भानु प्रताप टैगोर भानु प्रताप टैगोर बंटी टैगोर श्रीमती मीरा चक्रवर्ती आयुषी मरकाम, आदि गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही।
हरिशंकर बेन
इस अवसर पर
उपस्थित रहे।