इन दिनों 108 एंबुलेंस चालक मरीजो को छोड़, सवारी ढोने में लगे हुए हैं। मरीज की हालत किन परिस्थितियों में है, इसकी उन्हें कोई परवाह नहीं होती है । चालको को तो बस पैसा चाहिए ।
आपको बता दे कि
कटनी जिले के रीठी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में, शासन द्वारा जनसंख्या नियंत्रण हेतु हर बुधवार को महिला नसबंदी शिविर का आयोजन किया जाता है ।
जिसमें एंबुलेंस चालकों की मनमानी इस तरीके से बढ़ गई है कि अस्पताल गेट के सामने, क्षेत्र की एंबुलेंस गाड़ियां खड़ी हो जाती हैं । और नसबंदी कराने आई महिलाओं के परिजनों से एंबुलेंस चालकों द्वारा दूरी के हिसाब से 400 सौ से 500 सौ रुपए प्रति महिला से किराया वसूल कर उन्हे ढोने में लग जाते हैं ।मरीजों की उन्हें कोई परवाह नहीं होती है ।जिसमें कमीशन की लालच मैं महिला हितग्राही को लेकर आई आशा कार्यकर्ताए भी सम्मिलित होती हैं । कुछ आशा कार्यकर्ता बड़े कमीशन के लालच मैं पैदल ही महिला को वाहन तक ले जाती हैं ।
सच्चाई तब सामने आई जब आज एक पन्ना जिले की ग्राम खमरिया निवासी महिला अर्चना पति ओंकार लोधी अपना प्रसव कराने रीठी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची । जहां से उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया । परंतु वह एक-दो घंटे तक इंतजार करती रही पर उसे एंबुलेंस वहांन नसीब नहीं हुआ । बाद में उसे स्वयं का वहान कर जिला अस्पताल के लिए जाना पड़ा ।
अब देखना है कि जिला एवम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रीठी इसे लापरवाह एंबुलेंस चालको पर क्या कार्यवाही करते है । या यू ही मरीजों को अपनी जान दाव पर लगानी पड़ेगी ।हरिशंकर बेन