कटनी । निर्वाचन आयोग द्वारा पेड न्यूज से बचने के लिये आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। इनके अनुसार राजनीतिक दलों के व्यक्तियों द्वारा जारी किए ई मैल की न्यूज को अपने समाचार पत्रों में स्थान बहुत गंभीरता पूर्वक 3 से 4 बार पढ़ने के पश्चात अध्ययन करके, सोच समझकर, काट छांट कर के स्थान देना चाहिए। राजनीतिक दलों के व्यक्तियों द्वारा जारी किए गए ईमेल न्यूज, पैड न्यूज की श्रेणी में तो नहीं आ रही। इस बात का विशेष ध्यान रखे। प्रेस की यह जिम्मेदारी है कि चुनाव और उम्मीदवारों के बारे में वस्तुनिष्ठ यानी ऑब्जेक्टिव रिपोर्ट देना। समाचार- पत्रों से यह उम्मीद की जाती है कि वे गलत चुनाव अभियान या किसी उम्मीदवार या पार्टी या घटना के बारे में बढ़ा-चढ़ाकर रिपोर्ट नहीं छापेंगे। किसी उम्मीदवार के उठाये मुद्दे की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। जैसे- एक्स अभ्यर्थी की सभा में जनसैलाब उमड़ा, एक्स अभ्यर्थी को मिल रहा है, भरपूर जन समर्थन, जनता ने दिखाया उत्साह, एक्स अभ्यर्थी की सभा से माहोल निर्मित, जनता दे रही विजय श्री का आशीर्वाद प्रेस को किसी उम्मीदवार के निजी चरित्र या व्यवहार के बारे में, उसकी उम्मीदवारी की पात्रता के बारे में या उसके चुनाव से हट जाने के बारे में आलोचनात्मक बयान नहीं छापने चाहिए। समाचार पत्र को किसी एक पार्टी के बारे में नहीं छापना चाहिए या फिर अन्य पार्टी को भी बोलने का मौका देना चाहिए।
किसी राजनैतिक दल या अभ्यर्थियों की अतिशयोक्ति पूर्ण प्रशंसा व उपलब्धियों से जुड़े समाचार को एक जैसी भाषा में एक से अधिक बार प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रकाशित या प्रसारित करना। ऐसा समाचार जो पढ़ने और सुनने में किसी राजनीतिक दल या अभ्यर्थियों की एक तरफा या एक पक्षीय चुनावी टिप्पणी करें। ऐसा कोई चार टिप्पणी, रिपोर्टिंग जिससे किसी राजनैतिक दल या अभ्यर्थियों के पक्ष में जीत की संभावना व्यक्त की गई हो। समाचार पत्र में एक ही दल की चुनावी गतिविधियों को विस्तार से प्रकाशित करना तथा अन्य दल के चुनावी समाचारों को सीमित स्थान देना। किसी राजनीतिक दल या अभ्यर्थियों या किसी के व्यक्तिगत जीवन के बारे में अशोभनीय टिप्पणी, एक तरफा आलोचना या टिप्पणी करना ।
किसी राजनैतिक दल अभ्यर्थी के पक्ष में एक जैसे समाचार एक से अधिक अखबारों में प्रकाशित करना। ऐसे समाचार जिसमें अभ्यर्थी का बिना नाम लिए समर्थन किया जा रहा हो।
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