कटनी। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद द्वारा निरंतर किए जा रहे गंभीर प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। जहां एक और शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में संस्थागत प्रसव को लेकर गर्भवती महिलाओं में रुझान बढ़ा है तो वहीं दूसरी ओर गर्भवती महिलाओं के लिए शासन द्वारा निर्धारित चार जांचों को लेकर भी महिलाएं जागरूक हुई हैं। जिससे इन जांचों को करवाने को करवाने वाली महिलाओं की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि देखी जा रही है।
*कलेक्टर के प्रयासों का दिख रहा असर*
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम करने को लेकर कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा जिले की बागडोर संभालने के बाद से ही लगातार गंभीर और प्रभावी प्रयास किए गए हैं। गर्भवती महिलाओं की जांचों में हीलाहवाली करने वाली एएनएम, आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं से लेकर बेवजह गर्भवती महिलाओं को रेफर करने वाले चिकित्सकों पर लगातार कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा कार्यवाही की गई। साथ ही निरंतर इनकी मॉनिटरिंग स्वयं कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा की जा रही है। इसके अलावा समय – समय पर मातृ एवं शिशु मृत्यु दर कम करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों सहित मैदानी अमले की भी कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा बैठकें लेकर बुनियादी समस्याओं को जाना गया और इन समस्याओं को दूर करने के प्रयास किए गए। साथ ही शासन की मंशा और निर्देशों से उन्हें अवगत कराया गया। कलेक्टर श्री प्रसाद के प्रयासों के सकारात्मक परिणाम जिले में देखने को मिल रहे हैं, जिससे गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव, पंजीयन और जांचों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।
*बढ़ रही पंजीकृत महिलाओं की संख्या*
गर्भवती महिलाओं के पंजीयन, उनकी जांचों और प्रसव से जुड़ी जानकारियों के लिए शासन द्वारा संचालित अनमोल पोर्टल में जिले की गर्भवती महिलाओं के पंजीयन की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि देखी जा रही है। दिसंबर 2002 में जहां 1692 गर्भवती महिलाओं ने अनमोल पोर्टल में अपना पंजीयन कराया था तो वहीं वर्ष 2023 के जनवरी माह में 2391, फरवरी में 2673, मार्च में 1731, अप्रैल में 1886, मई में 2026, जून में 2277, जुलाई में 2548 और अगस्त माह में 2714 गर्भवती महिलाएं पोर्टल में पंजीकृत हुईं। गर्भवती महिलाओं के द्वारा अनमोल पोर्टल में अपना पंजीयन कराने को लेकर जहां जागरूकता आई है वहीं कलेक्टर श्री प्रसाद के कड़े रुख के चलते स्वास्थ्य विभाग और महिला एवम् बाल विकास विभाग का मैदानी अमला भी अब सजग होकर अपनी जिम्मेदारी और बेहतर तरीके से निभा रहा है।
*गर्भधारण से लेकर प्रसव पूर्व तक होती हैं निर्धारित 4 जांचे*
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं की गर्भ धारण करने के प्रथम माह से लेकर प्रसव पूर्व 9 माह तक चार जांचे निर्धारित की गई हैं। जिनमें से पहली जांच गर्भधारण करने से 3 माह के बीच, दूसरी जांच 4 से 6 माह के बीच और तीसरी व चौथी जांच 7 से 9 माह के बीच कराई जाती है। जिनकी एंट्री अनमोल पोर्टल पर दर्ज की जाती है। गौरतलब है कि अनमोल पोर्टल पर जब गर्भवती महिलाओं की इन चारों जांचों से संबंधित एंट्री दर्ज होती है तभी शासन द्वारा के निर्देशानुसार ऐसी हितग्राही जननी सुरक्षा योजना का लाभ पाने की अहर्ता पूर्ण कर पाती हैं।
*कलेक्टर के प्रयास से जांचों को लेकर महिलाओं में बढ़ी जागरूकता*
कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास के मैदानी अमले को गर्भवती महिलाओं की शासन द्वारा निर्धारित चार जांचे अनिवार्य रूप से कराने के लिए प्रोत्साहित करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कलेक्टर श्री प्रसाद इसकी लगातार समीक्षा कर इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले मैदानी अमले पर सख्त कार्यवाही करते आ रहे हैं। जिससे मैदानी अमला गर्भवती महिलाओं को इन जांचों को लेकर अब अधिक सजगता के साथ प्रोत्साहित कर रहा है। परिणाम स्वरूप इन जांचों को कराने वाली महिलाओं की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि देखी जा रही है। दिसंबर 2022 में जहां 1202 महिलाओं ने प्रथम और 803 महिलाओं ने चतुर्थ जांच कराई थी। वहीं वर्ष 2023 के जनवरी माह में प्रथम जांच कराने वाली गर्भवती महिलाओं की संख्या 1600 और अंतिम जांच कराने वाली महिलाओं की संख्या 1056 थी। गर्भवती महिलाओं की प्रथम और चतुर्थ जांच के आंकड़े देखे जाएं तो फरवरी में क्रमश: 1693, 892, मार्च में 1237, 973, अप्रैल में 1247, 771, मई में 1271, 842, जून में 1468, 1127, जुलाई में 1715, 1110 और अगस्त माह में प्रथम जांच कराने वाली महिलाओं की संख्या 1638 और चतुर्थ जांच कराने वाली महिलाओं की संख्या 1037 रही।