*रिपोर्ट – महेन्द्र शर्मा बन्टी*
राजनांदगांव
शासकीय दिग्विजय स्वशासी पीजी महाविद्यालय राजनांदगांव में चल रहे 7 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम “शासकीय सेवकों का परिचयात्मक प्रशिक्षण” जो कि सभी प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक एवं सभी कर्मचारियों हेतु रखा गया है, इसमें चतुर्थ दिवस पर डॉ. सुरेश मणि त्रिपाठी असिस्टेंट प्रोफेसर लॉ, छत्तीसगढ़ अकादमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन, निमोरा रायपुर से मुख्य वक्ता के रुप में आमंत्रित थे, उन्होंने( सिविल सेवा आचरण नियमावली) पर उन्होंने व्याख्यान प्रस्तुत किया, सभी वर्ग के शासकीय कर्मचारी को अपनी सेवा में किस प्रकार आचरण को अपनाना चाहिए, और यह आपके किन परिस्थितियों में हित अनहित में कार्य करता है, इन विषयों पर गहन चर्चा किया, साथ ही आप अपने नियमों के दायरे में रहते हुए किस लाभ का उपभोग कर सकते हैं किन परिस्थितियों और कार्यों से सदैव बचना चाहिए, जैसे कि हड़ताल, राजनीतिक दलों से संबंध, शोधार्थियों द्वारा उपहार, या अन्य उपहारों का भोग सीमा उनका दायरा क्या होना चाहिए, साथ ही संस्थान के मुखिया का दायित्व, स्वयं का दायित्व उनका कार्यविधि सुनिश्चित करने की प्रक्रिया, पारिवारिक संबंध का शासकीय स्तर पर लाभ ऐसे बहुत से विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी उनके द्वारा प्रदान की गई।
इस आयोजन में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. के. एल. टांडेकर, मानव संसाधन विकास प्रकोष्ठ विभाग की संयोजिका डॉ. अंजना ठाकुर और आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ विभाग संयोजिका डॉ. अनिता साहा तथा महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकगण, सहायक प्राध्यपकगण, तृतीय –चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीगण अतिथि व्याख्याता उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. सुरेश पटेल जी ने किया एवं अतिथि वक्ता को धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मीना प्रसाद ने किया, महाविद्यालय प्राचार्य डॉ के. एल. टांडेकर इस तरह के आयोजन हेतु हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि ये आयोजन भविष्य सभी वर्ग हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण लाभकारी सिद्ध होने वाला है।