रिपोर्टर सीमा कैथवास
बुजुर्ग महिला को सम्मान के साथ मकान में रहने देने और प्रतिमाह 2-2 हजार की राशि देने के पुत्रों को दिए आदेश
माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम के तहत आदेश किए पारित
नर्मदापुरम। माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम के तहत एक प्रकरण में अनुविभागीय अधिकारी नर्मदापुरम आशीष पांडे द्वारा आदेश पारित किया गया है कि आवेदिका 70 वर्षीय वृद्ध श्रीमति रेखा तिवारी के पुत्र आलोक तिवारी, अमित तिवारी एवं अभिषेक तिवारी अपनी माँ श्रीमती रेखा तिवारी को उनके भरण पोषण के लिए प्रति माह 2-2 हजार रूपए राशि प्रदान करेंगे, आदेश का पालन न करने की दशा में श्रीमती रेखा तिवारी के उक्त पुत्रों के विरूद्ध माता-पिता भरण पोषण अधिनियम के अंतर्गत कारावास के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाएगी। इसी प्रकरण में अनावेदिका श्रीमति प्रीति तिवारी पत्नि आलोक तिवारी को आदेशित किया गया है कि वे श्रीमति रेखा तिवारी को ससम्मान एमपी बंगले के सामने मालाखेड़ी रोड नर्मदापुरम स्थित मकान में दो कमरे स्वतंत्र रूप से निवास के लिए प्रदाय करे एवं अनावेदिका प्रीति तिवारी को आदेशित किया गया है कि वे श्रीमती रेखा तिवारी के साथ शारीरिक, मानसिक प्रताणना अथवा किसी भी प्रकार से अभद्रतापूर्ण व्यवहार नही करे, भविष्य में इस प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त होती है तो कड़ी दंडात्मक कार्यवाही की जावेगी।
प्रकरण के संक्षिप्त विवरण के अनुसार आवेदिका श्रीमति रेखा तिवारी उम्र 70 वर्ष ने बताया है कि अनावेदिका श्रीमति प्रीति तिवारी ने आवेदिका के मकान पर विधि विरूद्धरूप से कब्जा कर लिया है तथा अनावेदक आलोक तिवारी को भी घर से भगा दिया है जबकि अनावेदक प्रीति तिवारी अनावेदक आलोक तिवारी की पत्नि है जिनका विवाह वर्ष 2007 में हुआ है। अनावेदिका प्रीति तिवारी द्वारा मकान हड़पने की नीयत से आवेदिका श्रीमति रेखा तिवारी को शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित कर मारपीट कर भगा देती है। आवेदिका उक्त परिस्थितियों में वर्तमान में अपनी छोटी पुत्री की दया पर आश्रित है। प्रकरण में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी एवं सक्षम प्राधिकारी नर्मदापुरम द्वारा उक्त आदेश पारित कर तहसीलदार नगर नर्मदापुरम को आदेशित किया है कि आदेश का पालन कराया जाकर प्रतिवेदन प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें तथा थाना प्रभारी कोतवाली नर्मदापुरम को आदेशित किया गया है कि न्यायालय द्वारा पारित आदेश का पालन कराया जाना सुनिश्चित करें।