रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में टाइगर का शिकार कर गर्दन काटकर ले जाने की घटना उजागर होने के 8 दिन बाद भी शिकारियों का पता नहीं चला है। एसटीआर और स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स की टीम जंगल और एसटीआर की सीमा से लगे बैतूल, छिंदवाड़ा के गांवों में खोजबीन कर रही है। बाघ की गर्दन काटकर ले जाने की सनसनीखेज घटना ने वन अफसर की नींद उड़ाकर रख दी है। दिनरात अफसर शिकारियों की खोजबीन में लगे है। लेकिन 8 दिन बाद भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। एसटीआर में बाघ की गर्दन काटने से हैरान मप्र वन विभाग ने शिकारियों की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 25,000 रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। इधर एसटीआर और टीएसएफ की टीम द्वारा पूछताछ के बाद छोड़े गए धांसई गांव के आदिवासी समाज के एक युवक ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। युवक अनीश उइके और गांव के तीन युवकों को एसटीआर और टीएसएफ की टीम ने पूछताछ के लिए 30 जून को लाई थी। 1 जुलाई की रात को युवक अपने घर पहुंचा। रात में खाना खाकर वह सो गया। अगले दिन सुबह एक खेत में जाम के पेड़ पर युवक का शव फांसी पर लटका मिला। युवक अनीश पडिहारी का काम करता था। उसने फांसी लगाकर सुसाइड क्यों किया इसकी वजह स्पष्ट अभी नहीं हो पाई है? लेकिन एक दिन पहले ही टीएसएफ और एसटीआर ने उससे और गांव के 3 युवकों से पूछताछ की थी।
तंत्रमंत्र क्रिया व अन्य शंका के एंगल के चलते एसटीआर और टीएसएफ की टीम जांच पड़ताल कर रही है। डॉग स्क्वार्ड के माध्यम से जंगल और कोर एरिए से लगे ग्राम धांसई, बढ़-चापड़ा, भातना, रानापुरा में दविश भी दे रही। कुछ लोगों से पूछताछ भी कर रही है।
3 दिन छिपाई बात, फिर कहा शिकार हुआ
26 जून को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की चूरना रेंज के डबरा बीट में बाघ का शव मिला था, क्षत-विपक्ष शव लगभग 5-7 दिन पुराना था। डॉग स्क्वाड की मदद से आसपास के क्षेत्र में सर्चिंग की गई। लेकिन बारिश हो जाने से बाघ की मौत से संबंधित कोई सबूत नहीं मिले। वन विभाग ने शव का पोस्टमार्टम कराकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। शिकारियों द्वारा बाघ की गर्दन काटकर ले जाने की बात को एसटीआर के अफसरों ने तीन दिन तक छिपाया। मामले में तीसरे दिन शिकार की बात एसटीआर ने स्वीकार की। एसटीआर और स्पेशल टाइगर फोर्स की टीम सर्चिंग कर रही है। लेकिन अब तक शिकारियों का पता चला ना उनके संबंध में कोई जानकारी मिली। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के हाथ खाली ही है।
रेड अलर्ट जारी कर चुकी है डब्ल्यूसीसीबी
एसटीआर में बाघ की गर्दन काटकर ले जाने की घटना के बाद वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो ने बाघों के शिकार के खतरे को लेकर रेड अलर्ट जारी किया। ब्यूरो ने एसटीआर, पेंच समेत देश के 13 टाइगर रिजर्व में बाघों की जान पर खतरा होने की संभावना जताई है। इन क्षेत्रों में शिकारियों के सक्रिय होने की आशंका जताई है।