रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। आर्ट ऑफ लिविंग परिवार नर्मदापुरम द्वारा सात दिवसीय प्रिजन स्मार्ट प्रोग्राम नर्मदापुरम की केंद्रीय जेल में प्रारंभ किया गया है। यह कोर्स आर्ट ऑफ लिविंग परिवार नर्मदापुरम के श्री पराग खंडेलवाल एवं श्री राजेश दुबे द्वारा लिया जा रहा है। इसमें श्री संतोष सोलंकी जेल अधीक्षक, हितेश बन्डिया, अष्टकोण अधिकारी एवं उनके स्टाफ का बहुत अधिक सहयोग मिल रहा है। पूज्य गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी का कहना है कि अगर लोग बीमार हो जाते हैं, तो हम उन्हें अस्पताल ले जाते हैं और बेहतर होने के लिए उन्हें सही दवा देते हैं। अगर लोगों का व्यवहार बीमार है, तो हम उन्हें जेल ले आते हैं, लेकिन हम दवाएं भूल जाते हैं। हर अपराधी के भीतर, एक पीड़ित मदद के लिए पुकार रहा है। जब आप पीड़ित व्यक्ति के घाव भरते हैं, उसके भीतर का अपराधी गायब हो जाता है। आर्ट ऑफ लिविंग परिवार द्वारा अभी तक जितनी भी स्थानों पर यह कोर्स किया गया है वहां के कैदियों पर रिसर्च के माध्यम से यह निष्कर्ष निकला है कि 71% ने कहा कि वे अपने गुस्से को नियंत्रित करने में बेहतर हैं। 70% ने कहा कि उनकी शराब और नशीली दवाओं की इच्छा कम हो गई है। 84% ने कहा कि वे तनावमुक्त हैं, 68% ने कहा कि वे भविष्य को लेकर आशान्वित हैं 62% ने कहा कि मैं आसानी से चिढ़ने वाला नहीं हूं, 62% ने कहा कि मैं चुनौतियों का सामना कर सकता हूं । अभी तक पूरे विश्व में 800,000 कैदियों ने 65 से अधिक देशों में परिवर्तन का अनुभव किया । 350,000 कैदियों में भारत के सौ जेलों में सुधार आया । नर्मदापुरम जेल में भी लगभग 50 कैदियों द्वारा प्रशिक्षण ले रहे है।