मान्यतानुसार अंजनी पुत्र हनुमान ने हनुमान जयंती जन्म लिया था, जब बजरंगबली धरती पर आए थे. और हनुमान भक्तों के लिए यह दिन अत्यंत खास और महत्वपूर्ण होता है. हनुमान जयंती प्रतिवर्ष चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाई जाती है. वहीं, ऐसे भी कई स्थान हैं जहां इसे कार्तिक के अंधेरे पखवाड़े के चादहवें दिन मनाने की परंपरा है. जानिए किस मुहूर्त में बजरंग बली की पूजा की जा सकती है.
मान्यतानुसार हनुमान जयंती पर सुबह उठकर निवृत्त होने के पश्चात स्नान किया जाता है. भक्त अपने आराध्य बजरंगबली के साथ ही श्रीराम और माता सीता का स्मरण भी करते हैं. इसके बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है.
अब बजरंगबली की मूर्ति या प्रतिमा को लकड़ी की चौकी पर स्थापित करते हैं जिसपर पहले से ही पीले रंग का वस्त्र बिछा हुआ हो. बजरंगबली के समक्ष घी का दीया जलाया जाता है, जल छिड़कर कच्चा दूध, दही, घी और शहद मिलाकर बजरंगबली का अभिषेक करते हैं. भक्त पूजा में बजरंगबली को लाल या पीले रंग का कपड़ा, कलावा, फूल, धूप, अगरबत्ती और दीया आदि अर्पित करते हैं. इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ कर भक्त पूजा संपन्न कर आशीर्वाद पाने की कामना करते हैं.
( यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एम पी न्यूज कास्ट इसकी पुष्टि नहीं करता है.)