कटनी विकासखंड कटनी के सिमरार जलाशय से क्षेत्र के करीब 16 से अधिक गांवों की फसलों की सिंचाई हो रही है। सिमरार जलाशय से क्षेत्र के 4970 किसानों को सिंचाई के मामले में आत्मनिर्भर बना दिया है। वर्ष 2021-22 में 328 हेक्टेयर कृषि भूमि कि रबी सीजन में सिंचाई हुई थी। जबकि वर्ष 2022-23 में रबी में यह रकवा 3 गुना से भी अधिक बढ़कर 1100 हेक्टेयर सिंचित रकबा हो गया है।
जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री जेपी बघेल ने बताया कि वर्ष 1967 में निर्मित सिमरार जलाशय की जल भराव क्षमता 1235 मि. घन मीटर है। इससे खरीफ की रुपांकित सिंचाई क्षमता 1052 हेक्टेयर और रबी फसल की 607 हेक्टेयर है। श्री बघेल ने बताया कि जलाशय के करीब 56 वर्ष पुराना होने के कारण बांध अंडरसेक्शन होने और नहरें मिट्टी की होने के कारण और नहरों के क्षतिग्रस्त होने से पानी का सीपेज होता है।
इसी कार्य के सुधार व मरम्मत हेतु 316.16 लाख रुपए की राशि की स्वीकृति वर्ष 2016 में प्रदान की गई थी। जिसके बाद 301.29 लाख रुपए की निविदा आमंत्रित की गई। इस पर ठेकेदार द्वारा 9.55 प्रतिशत कम दर पर 272.52 लाख रुपए की लागत पर ठेकेदार मेसर्स अफाक कंस्ट्रक्शन कंपनी प्रेम नगर सतना द्वारा निविदा डाली गई। ठेकेदार द्वारा 16 जून 2022 तक कुल 136.76 लाख रुपए का कार्य किया गया। जिससे नहरों के मिट्टी का कार्य, नहरों में सीमेंट लाइनिंग का कार्य किया गया जो निविदा अनुबंध में उल्लिखित कार्य का करीब 50 प्रतिशत है। इसके बाद से ठेकेदार द्वारा कार्य छोड़ देने से कार्य रुक गया है। ठेकेदार के अनुबंध विखंडन का प्रस्ताव मुख्य अभियंता को भेजा गया है।
कार्यपालन यंत्री श्री बघेल ने बताया कि ठेकेदार द्वारा किए गए सुधार कार्य के बाद से करीब 772 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता निर्मित हुई है। वर्ष 2021-22 में रबी फसल का सिंचाई रकवा जहां 328 हेक्टेयर था, वहीं अब 2022-23 में यह रकवा बढ़कर 1100 हेक्टेयर हो गया है।
सिमरार जलाशय की नहरें कुल 16 ग्रामों मांडो,सिमरा केवलारी, बिछिया, कोड़िया,गाताखेड़ा, पिपरिया, बिलगवां, हिरवारा, छपरावाह, भनपुरा, शिवराजपुर, खजुरी, बड़खेरा एवं छहरी से होकर गुजरती है।, जिससे लगभग 4970 कृषक लाभान्वित होते हैं। इन गांवों की फसलों के लिए सिमरार जलाशय योजना वरदान साबित हो रही है।