सीमा कैथवास की रिपोर्ट
नर्मदापुरम। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत नर्मदापुरम श्री एसएस रावत द्वारा शुक्रवार को मिशन अंकुर अंतर्गत बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान पर आयोजित प्रथम चरण के 05 दिवसीय प्रशिक्षण के अंतिम दिवस प्रशिक्षण केन्द्र शासकीय ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय नर्मदापुरम का अवलोकन किया गया एवं प्रशिक्षणार्थियों से चर्चा की गयी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत नर्मदापुरम द्वारा स्वयं के अध्ययनरत प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक श्री जीवनलाल शर्मा का उदाहरण देते हुए स्वयं के जीवन पर उनकी शिक्षा-दीक्षा के महत्व को बताते हुए प्रशिक्षणार्थी शिक्षकों को बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए प्रोत्साहित किया गया। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान का उपयोग अपने विद्यालय के अध्ययनरत बच्चो तक पहुँचाने के लिए बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान की दक्षताओ को प्राप्त करने हेतु प्रेरित किया गया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत नर्मदापुरम द्वारा शिक्षकों को बच्चों के प्रति दंड देने के भाव को समाप्त करने के उद्देश्य से एक प्रेरक कहानी के माध्यम से बच्चो की वास्तविक एवं पारिवारिक दशा के प्रति भी प्रशिक्षणार्थी शिक्षकों का ध्यान आकर्षित किया गया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत नर्मदापुरम द्वारा शिक्षकों को शिक्षकीय परंपरा या गुरु परंपरा का महत्व बताते हुए कहा गया कि- शिक्षकों को समाज के द्वारा दिया जाने वाला सम्मान कई पीढ़ियों से गुरु / शिक्षक द्वारा समाज के लिए दिये गये त्याग का ही परिणाम है। वर्तमान परिस्थिति में प्रत्येक शिक्षक को किसी भी प्रकार के पुरस्कार की अपेक्षा किये बिना अपने कर्तव्यों का निवर्हन निरंतर करते रहना चाहिए।