सीमा कैथवास की रिपोर्ट
भोपाल /नर्मदापुरम। खनिज साधन एवं श्रम मंत्री श्री ब्रजेंद्र प्रताप सिंह व विभागीय दल के साथ 6 से 9 फरवरी 2023 तक दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन शहर में आयोजित “माइनिंग इंडाबा-2023” कॉफ्रेंस में शामिल होंगे। इस आयोजन में भारत सरकार, खान मंत्रालय की अगुवाई में राज्य सरकार के खनिज विभाग तथा भारत सरकार के उपक्रमों के प्रतिनिधि मण्डल भी सम्मिलित होंगे। मिली जानकारी के अनुसार खनिज साधन विभाग मध्यप्रदेश शासन की ओर से इस आयोजन में शामिल होने के लिए विभागीय मंत्री श्री बृजेंद्र प्रताप सिंह व विभागीय दल में माइनिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एमडी श्री राजीव रंजन मीणा व खनिज विभाग के उप संचालक श्री कमल प्रसाद दिनकर रवाना हो गए हैं। इस आयोजन में विभिन्न देशों के खनिज क्षेत्र में कार्य कर रहे विभाग, कंपनियां एवं संस्थानों के प्रतिनिधि मण्डल भी शामिल होंगे। मिली जानकारी के अनुसार खनिज मंत्री व विभागीय दल साउथ अफ्रीका में खनन कंपनियों के प्रतिनिधि एवं शासकीय अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान वे
दक्षिण अफ्रीका एवं अन्य देशों में वर्तमान परिवेश में चल रही खनन गतिविधियों तथा तकनीक के बारे जानेंगे। भविष्य में इन्हीं तकनीकों के माध्यम से मध्य प्रदेश में खनिजों की खोज व पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए खनन तकनीक के क्रियान्वयन पर जोर देगा।
ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश खनिज संपदा की दृष्टि से देश का खनिज संपन्न राज्य है। प्रदेश में लगभग सभी प्रकार के खनिज पाये जाते हैं तथा उनका खनन भी किया जाता है। मध्यप्रदेश के सकल राजस्व में खनिज राजस्व का एक महत्वपूर्ण योगदान है। विभाग की उद्योग मित्र नीति एवं आधुनिक तकनीकी के उपयोग से विभाग का खनिज राजस्व विगत 15 वर्षों में 15 गुना बढ़ चुका है, जो कि एक उपलब्धि है। मध्यप्रदेश को हीरा खनन हेतु एकाधिकार प्राप्त है। हीरा का उत्पादन पन्ना जिला में स्थित खदान से किया जाता है। इसके अतिरिक्त छतरपुर जिले में हीरे के एक नए स्त्रोत की खोज की गई है, जिसकी नीलामी स्वरूप एक क्षेत्र बिरला ग्रुप के एस्सेल माईनिंग कंपनी को प्राप्त हुआ है।
विश्व में साउथ अफ्रीका के भू-भाग की भौमिकी संरचना भारत जैसी होने से वहां भी सभी प्रकार के खनिज साधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। विभागीय मंत्री श्री ब्रजेंद्र प्रताप सिंह की अगुवाई में जा रहे विभागीय दल द्वारा वहां स्थित हीरा एवं सोना की खदानों का भ्रमण करेंगे तथा विभिन्न देश के प्रतिनिधयों से बैठक कर मध्यप्रदेश में निवेश हेतु चर्चा भी करेंगे। इससे निश्चित ही प्रदेश के खनिज राजस्व में उत्तरोत्तर वृद्धि होगी तथा प्रदेश में रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।