सीमा कैथवास की रिपोर्ट
नर्मदापुरम हमारे प्रदेश की मुखिया शिवराज सिंह चैाहान जी चाहते है कि उनका हर भांजा – भांजी स्कूल जाए और पढाई कर शिक्षित हो , जिसके लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत ‘ स्कूल चले हम अभियान’ भी चलाया जा रहा है , पर लगता है कि नर्मदापुरम में मुख्ममंत्री का आदेश हजारो रूपये तन्खा लेने वाले शिक्षा विभाग के अधिकारी को नगवार गुर्जर रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जब एक आदिवासी परिवार कक्षा 6 वी (छटवी) में सरकारी स्कूल में प्रवेश पाने के लिए दर दर भटकने को मजबूर है । वही आधुनिक संचार मोबाइल सुविधा से वंचित आदिवासी ने परिचित व्यक्ति के मोबाइल के माध्यम से सीएम हेल्प लाईन में बच्चे की शिक्षा को लेकर गुहार लगाई है। खिडिया ग्राम के गरीब आदिवासी नरेन्द्र सिंह ने सीएम हेल्प लाईन पर शिकायत कर बताया कि बालक का प्रवेश ग्राम के स्कूल में कराना चाहते है मगर स्कूल में पदस्थ शिक्षक जीवनलाल आदिवासी (मीणा) ने यह कहकर भगा दिया कि डीईओ सहाब से परमीशन ले आओ , वही डीईओ साहब इतने व्यस्त है कि उन्होने गरीब की गुहार सुनवाई तक नही की और भगा दिया। और कहाॅ प्राईवेट स्कूल में चले जाओ । गरीब आदिवासी बच्चा आज भी स्कूली शिक्षा के लिए दर-दर भटक रहा है और प्रदेश के मुखिया और अपने मामा शिवराज सिंह चौहान जी से उसके पिता ने गुहार लगाई सीएम हेल्पलाइन में शायद उसकी सुनवाई प्रदेश के मुखिया ही सुन सकते हैं । अब देखते हैं कि आखिर गरीब आदिवासी भांजे की पुकार कब जिले के आला अधिकारी सुनते हैं और उसे स्कूली शिक्षा प्राप्त होगी ।