रिपोर्टर संतोष चौबे
पन्ना। कार्यालय जिला लोक अभियोजन अधिकारी पन्ना के मीडिया प्रभारी/सहा.जि.लोक अभि.अधि.ऋषिकांत द्विवेदी ने बताया कि अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि, दिनांक 01.07.2020 को अभियोक्त्री की मां के बताए अनुसार इस आशय की देहाती नालसी लेख की गई कि दिनांक 01.07.2020 को थाना पवई से सूचना प्राप्त हुई थी कि सीएचसी पवई से एक तहरीर पीडिता के गर्भपात संबंधी प्राप्त हुई है जिसकी तहरीर जांच के दौरान पीड़िता व उसके के माता-पिता ने अपने कथनों में बताया कि वह अपने बच्चों को लेकर मजदूरी करने दिल्ली चले गये थे, मंझली बेटी को उसके दादा, दादी के पास छोड़ गये थे। जब अपने गांव वापस आये तब अभियोक्त्री को बुखार व उल्टियां होती दिखी, जिसको दवाई दिलाई। दिनांक 30.06.2020 को 11 बजे अभियोक्त्री के पेट में अधिक दर्द हुआ, तब उसने बहन को यह बात बतायी और रोने लगी और पेट में दर्द होना बताया। जिसे मोटरसाईकिल पर बैठाकर सरकारी अस्पताल पवई लाये, जहंा पर पीड़िता की जांच हुई एवं ईलाज हुआ जिससे उसका गर्भपात हो गया तब अभियोक्त्री ने अपनी माता-पिता को यह बात बतायी कि देवेन्द्र ने उसके साथ तीन-चार बार गलत काम किया था जिससे वह गर्भवती हो गई। देवेन्द्र पाठक के भय से उसने यह बात किसी को नहीं बतायी थी। तहरीर जांच पर पाया गया कि अभियोक्त्री के साथ आरोपी देवेन्द्र पाठक के द्वारा तीन-चार बार दुष्कृत्य करने के फलस्वरूप अभियोक्त्री गर्भवती हुई है अभियोक्त्री ने यह बात भय के कारण किसी को नहीं बताई। उक्त देहाती नालसी के आधार पर थाना पवई में अभियुक्त देवेन्द्र पाठक के विरूद्ध अपराध क्रमांक 312/2020 अंतर्गत धारा 376 भादसं., धारा 3/4 पाॅक्सो एक्ट तथा धारा 3(2)(अं) एसीसी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत प्रथम सूचना पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान सुसंगत साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किए गए एवं घटना स्थल का नक्शामौका तैयार किया गया। दौरान विवेचना अभियोक्त्री का मेडिकल परीक्षण कराया गया एवं संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
माननीय न्यायालय श्रीमान इन्द्रजीत रघुवंशी विशेष न्यायाधीश(पाक्सो) एक्ट के न्यायालय मे प्रकरण का विचारण हुआ। शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री संदीप कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक/वरिष्ठ सहा. जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री दिनेश खरे द्वारा की गयी। अभियोजन द्वारा साक्ष्य को क्रमबद्ध तरीके से लिपिबद्ध कराकर न्यायालय के समक्ष आरोपी देवेन्द्र पाठक के विरूद्ध अपराध को संदेह से परे प्रमाणित किया तथा आरोपी के कृत्य को गंभीरतम श्रेणी का मानते हुये कठोर से कठोरतम दंड से दंडित किया जाने का अनुरोध किया। अभिलेख पर आई साक्ष्य और अभियोजन के तर्को एवं न्यायिक दृष्टांतो से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय श्रीमान इन्द्रजीत रघुवंशी विशेष न्यायाधीश(पाक्सो) एक्ट की न्यायालय द्वारा आरोपी- देवेन्द्र पाठक को धारा- 376 भादसं के आरोप में आजीवन कारावास एवं 10 हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
ऋषिकांत द्विवेदी मीडि.प्रभा./सहा. लोक अभियोजन अधिकारी
जिला पन्ना (म.प्र.)