निर्माणाधीन राम मंदिर से 1 किलोमीटर के फांसले पर सरयू तट के किनारे होगा विराट महायज्ञ राम मंदिर निर्माण के लिए रघुवंशी समाज की ओर से कनकबिहारी दास महाराज ने 1 करोड़ 11 लाख का चेक ट्रस्ट को सौंप चुके हैं
विदिशा जिला ब्यूरो मुकेश चतुर्वेदी
*गंजबासौदा।* श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में भगवान रामलला जब विराजमान होंगे तब 9009 कुंडीय श्रीराम महायज्ञ में विश्व के मंगल की कामना के साथ छोड़ी जा रही आहुतियां श्रीराम के जयकारों से पूरे विश्व पटल पर गुंजायमान होंगी। यह नजारा अयोध्या में फरवरी 2024 में यज्ञ सम्राट कनक बिहारी दास महाराज के सानिध्य में और उनके आव्हान पर होने जा रहे 9009 कुंडीय श्रीराम महायज्ञ में दिखाई देगा। महायज्ञ की तैयारी के लिए यज्ञ सम्राट कनकबिहारी दास महाराज के सानिध्य में अध्योया गए रघुवंशी समाज के प्रतिनिधि मंडल ने महायज्ञ की भूमि स्थल के चयन के साथ अन्य व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए महायज्ञ स्थल की भूमि को अंतिम रूप दिया।
यज्ञ सम्राट श्रीमहंत कनकबिहारीदास महाराज ने चर्चा में बताया कि संभवत 10 से 28 फरवरी 2024 के बीच में राम लला की जन्मभूमि अयोध्या में भगवान श्रीराम जब अपने तीनों भाइयों के साथ गर्भगृह में विराजमान होंगे तब 9 हजार 9 कुंड के श्रीराम महायज्ञ में विश्व कल्याण की कामना से उनके नाम की आहुतियां छोड़ी जा रही होंगी। कलयुग में यह अद्वितीय महायज्ञ भूतो ना भविष्यति होगा। दो वर्ष पूर्व देवभूमि में उन्हें भगवतीय प्रेरणा से इस ईश्वरीय कार्य की अनुभूति हुई थी जिसकी चर्चा उन्होंने समाज जनों के बीच करते हुए उन्हें महायज्ञ की तैयारी के लिए प्रेरित किया। अध्योया में लखनऊ-गोरखपुर हाईवे के समीप निर्माणाधीन राम मंदिर से करीब 1 किलोमीटर के फांसले पर सरजू नदी के किनारे महायज्ञ की वेदी और आवास व्यवस्था के स्थान का चयन कर लिया गया है जिसमें करीब 30 एकड़ में महायज्ञ की 9 मंजिला यज्ञ वेदी का निर्माण किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव एवं विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय से भी महायज्ञ की व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा की जिस पर उन्होंने हर तरह से सहयोग का आश्वासन दिया। तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास जी से भी चर्चा की जिस पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कनकबिहारी दास जी महाराज को महायज्ञ की सफलता के लिए आशीर्वाद दिया। तेरह भाई त्यागी अखाड़े के प्रमुख और खाक चौक के महंत बृजमोहनदास के सानिध्य मैं महायज्ञ की विभिन्न व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा की गई। मंहतश्री अयोध्या में बन रहे रामलला के भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण में पिछले वर्ष रघुवंशी समाज की ओर से 1 करोड़ 11 लाख का चैक ट्रस्ट को सौंप चुके हैं। अयोध्या गए प्रतिनिधिमंडल में विदिशा जिले के अलावा इंदौर,भोपाल, उज्जैन, महाराष्ट्र, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर एवं छिंदवाड़ा जिले के रघुवंशी समाज के प्रमुखजन और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे।
*19 जून को मेघा डंबर तपस्या से होगा महायज्ञ का ध्वजारोहण*
कनकबिहारी दास महाराज ने बताया कि 19 जून 2023 को वह अयोध्या जी के बैकुंठ धाम परिसर में चौमासे में खुले आसमान के नीचे मेघा डंबर तपस्या शुरू कर देंगे उसी दिन महायज्ञ का ध्वजारोहण किया जाएगा। यह स्थान लखनऊ गोरखपुर हाईवे पर मौजूद है और निर्माणाधीन मंदिर से करीब 1 किलोमीटर के फासले पर स्थित है। 4 माह तक खुले आसमान में बारिश में कनक बिहारीदास जी महाराज महायज्ञ की कामना के लिए तपस्या करेंगे। महंत श्री छिंदवाड़ा के अलावा विदिशा जिले के गमाकर और अशोकनगर जिले के डुंगासरा में भी आयोजित हुए महायज्ञ के दौरान खुले आसमान के नीचे बारिश में मेघा डंबर तपस्या कर चुके हैं।
*बद्रीनारायण में मिली प्रेरणा महायज्ञ में विराजेंगे रामलला*
अयोध्या में आयोजित होने वाले 9 हजार 9 कुंडीय महायज्ञ की प्रेरणा करीब 2 वर्ष पूर्व कनकबिहारीदास जी महाराज को देवभूमि के बद्रीनारायण में मिली। महंतश्री ने बताया कि सुबह 4 बजे उन्हें स्वप्न में ऐसा आभास हुआ कि स्वयं भगवान बद्रीनारायण ने इच्छा प्रकट करते हुए उनसे कहा कि वह 9009 कुंडीय महायज्ञ अयोध्या में करें उसी समय में वहां विराजमान हूंगा। महायज्ञ की प्रेरणा मिलने के बाद वह तभी से इस भगवत कार्य में लग गए हैं। यह महायज्ञ रामजी का है और रामजी ही कराने वाले हैं। रघुवंशी समाज तन, मन और धन से इस महायज्ञ की तैयारियों में जुट गया है।