सीमा कैथवास की रिपोर्ट
नर्मदापुरम । मेहनतकश महिलाएं यह सिद्ध कर रही हैं कि उनमें आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने की ललक है। ग्रामीण आजीविका मिशन जिला पंचायत नर्मदापुरम के अंतर्गत गठित कृष्णा स्वसहायता समूह की सुरेखा कटारे की लगन ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में उन्हें एक कदम आगे बढ़ा दिया है। सिवनीमालवा विकासखंड के रजोरा जाट गांव की सुरेखा कटारे ने समूह से जुड़कर सतत लगन से मेहनत की। सुरेखा बीसी बिजनेस करेस्पांडेंट सखी बन गई है और पति को भी एलएलबी कराकर वकील बनवा दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी कमाई से घर में सभी सुख सुविधाओं की सामग्री जिनमें प्रमुख रूप से फ्रिज, कूलर, एलइडी टीवी, सोफा आदि सामग्री जुटा ली है। अब वह बेहतर स्वरोजगार पाकर परिवार व गांवों में आत्मनिर्भरता की अलख जगा रही है।
बचत और काम की लगन ने दिलाई सफलता । सुरेखा कटारे ने बताया कि वह साधारण परिवार और गरीब परिस्थिति में पली-बढ़ी है। 4 वर्ष पूर्व आजीविका मिशन नर्मदापुरम के सहयोग से 11 महिलाओं को जोड़कर कृष्णा स्व सहायता समूह बनाया। जिसकी अध्यक्ष बनकर नेतृत्व को संभाला। थोड़ी-थोड़ी बचत करना शुरू की। आठवीं तक पढ़ाई की थी आमदनी होने पर दसवीं पास कर ली। उसके साथ ही बीसी बिजनेस करेस्पांडेंट सखीका काम शुरू किया। जिसमें स्व सहायता समूह के बैंक खाते खुलवाए और उनको बैंक ऋण संबंधी दस्तावेज़ीकरण कार्य के साथ बिजली विभाग में निष्ठा विद्युत मित्र के रूप में बिल जमा करना या नए बिजली कनेक्शन देने का कार्य किए। इस कार्य के माध्यम से उसे 2500 सौ रुपए महीने की अतिरिक्त आय होने लगी। खेत में बोर कराया, किसानी भी की। वहीं समूह से जुड़कर सुरेखा ने 50 हजार का लोन लेकर खेत में बोर कराया। सिंचाई सुविधा होने से खेती से अच्छी आय होने लगी। इसी दौरान 12 वीं की परीक्षा पास की। बीसी बिजनेस करेस्पांडेंट सखी के कार्य को देखकर सेंट्रल बैंक शाखा सिवनी मालवा के द्वारा बीसी एजेंट के रूप में कार्य मिल गया। इसके माध्यम से ग्राम पंचायत व आसपास के गांव के लोगों को वृद्धावस्था, विधवा, विकलांग पेंशन व अन्य बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराना शुरू किया। इसमें कमीशन के रूप में प्रतिमाह 7 से 8 हजार रूपये प्रतिमाह मासिक आय होने लगी। स्वयं की आय से व बैंक से पुनः 50 हजार का लोन लेकर लैपटॉप प्रिंटर एवं स्कूटी व बीसी एजेंट के लिए उपयोगी अन्य उपकरण ले लिए हैं। जिला प्रशासन ने सुरेखा कटारे की कार्य के प्रति लगन के चलते उसके समूह को सहकारी उचित मूल्य की दुकान की जिम्मेदारी भी दिलाई है। अब वह आनलाइन राशन के वितरण में भी अहम भूमिका निभा रहीं हैं। इस तरह लगन की दम पर उन्होंने अपनी एक अलग ही पहचान बना ली है। सुरेखा कटारे बताती हैं कि उनके आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण में राष्ट्रीय आजीविका मिशन नर्मदापुरम का अहम योगदान रहा। मेरे और कृष्णा स्व सहायता समूह को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मैं राष्ट्रीय आजीविका मिशन और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की प्रति बहुत-बहुत आभारी हूं।