सिवनी केवलारी-गीता पराभक्ति मंडल के तत्वधान में गीता मनीषी,तपोनिष्ठ, वैनगंगा परिक्रमा वासी श्री श्री निर्विकल्प स्वरूप जी महाराज के मुखारविंदो से श्रीमद्भागवत गीता स्कंद 10 के रास पंचाध्यायी महोत्सव का आयोजन स्थानीय बड़ी खेरमाई माता मंदिर में दिनांक 16 जनवरी 2023 से 20 जनवरी 2023 तक आयोजित किया जा रहा है। रास पंचाध्यायी भगवान श्री कृष्ण की रासलीला का सार तत्व जिसमें बताया गया है कि भगवानपि ता रात्रीः शरदोत्फुल्लमल्लिकाः।
वीक्ष्य रन्तुं मनश्चक्रे योगमायामुपाश्रितः।।श्रीमद्भागवत के दशम स्कन्ध में 29 से 33 अध्याय तक भगवान की रासलीला का प्रसंग है। इसी को रास पन्चाध्यायी कहते हैं। इस रास पंचाध्यायी में श्रीमद्भागवत वर्णित तत्त्वों के सारभूत परम तत्त्व का परमोज्जवल प्रकाश है। यह वस्तुतः श्रीमद्भागवत के पञ्चप्राण-स्वरूप है। भगवान की दिव्य लीला का भाव न समझकर केवल बाह्यदृष्टि से देखने पर यह सारी कथा श्रृंगार-रसपूर्ण दिखायी दे सकती है। और इससे मनुष्य भ्रमग्रस्त हो सकता है। इसी से सम्भवतः श्रीशुकदेवजी ने उपर्युक्त प्रथम श्लोक में प्रथम शब्द ‘भगवान’ दिया है ।भगवान के द्वारा किए गए इस महारास का पांच दिवासीय व्याख्यान की शुरुआत में दिनांक 16 जनवरी को शोभायात्रा के प्रारंभ होकर 20जनवरी 2023 को महाप्रसाद के साथ विश्राम होगा।प्रतिदिवस दोपहर 3 वजे से 5 वजे तक सारतत्विक श्री मद्भागवत गीता का उपदेश ब्रह्मचारी जी के मुखारविंद से प्रवाहित होगा।