विदिशा जिला ब्यूरो मुकेश चतुर्वेदी
गंजबासौदा । गीता जयंती के शुभ अवसर पर श्री राम चरित भवन ह्यूस्टन, यू.एस.ए. द्वारा बेवतरंग अंतराराष्ट्रीय अध्यात्मिक गीता ज्ञान संगोष्ठी का आयोजन किया गया । इस अवसर पर मध्यप्रदेश भारत का प्रतिनिधित्व करते हुऐ मुस्लिम राष्ट्रीय मंच गौ सेवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सह संयोजक सैयद शफाकत हुसैन कादरी ने भारत सरकार से श्रीमद्भागवत गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की माँग रखी । श्री कादरी ने बताया संसार मे हर देश का अपना राष्ट्रीय ग्रंथ है लेकिन भारत ने अब तक अपना ग्रंथ ही नही चुना इसलिए आजादी के अमृत महोत्सव काल मे गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाऐ । इस संगोष्ठी मे विश्व प्रसिद्ध विद्वान डॉ सी कामेश्वरी और डॉ ओमप्रकाश गुप्ता ने भारत के इस महान ग्रंथ पर अपने विचार व्यक्त किए । श्री गुप्ता ने सभी को जगाते हुऐ ज्वलंत प्रश्न किऐ बताइऐ आपके पास गीता है ? आपने वेद देखे है ? कितने लोगो ने वाल्मीकि रामायण को छुआ भी है ? कभी आपने गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस का पाठ सपरिवार किया है ? हमारे धर्म ग्रंथ सहज सुलभ और इतने कम दाम मे उपलब्ध होने के बावजूद हमारे घरो मे क्यो नही है ? हम अपनी धर्म संस्कृति खत्म होने या कमजोर होने का दोष इसको उसको देते है हो सकता है वो बाते भी सत्य हो लेकिन आपने अब तक क्या किया ? आप आपके परिवार की भूमिका तय कीजिऐ। इस अवसर पर श्री गुप्ता ने बताया कुरुक्षेत्र के रण में श्रीकृष्ण ने जो गीता का ज्ञान अर्जुन को दिया था वह संदेश पूरे मानव जाति के लिए उपयोगी है। अगर हम श्रीमद्भगवत गीता के कुछ ज्ञान को हम अपने जीवन में आत्मसात करें तो कई कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी। आप तनाव रहित जीवन का निर्वाह कर पाएंगे। सभी को अपने जीवन में उन उपदेश को अपनाना चाहिए जिससे जीवन अंधकार से प्रकाश की और चले और हम दैहिक , दैविक , भौतिक प्रगति कर मोक्ष प्राप्त कर सके । इस अंतराराष्ट्रीय अध्यात्मिक ज्ञान संगोष्ठी मे विभिन्न देशो से स्मिता, छविनाथ अग्रवाल, सतीश अग्रवाल, नीलम झा, राकेश चौबे , स्नेहलता शर्मा, सरिता श्रीवास्तव, बृजलाल गुप्ता, शकुंतला श्रीवास्तव, हेमलता लोधी , रेणू माथुर, सुनीति अग्रवाल, सरोज अग्रवाल, चंद्रिका, मीना अग्रवाल सहित विश्व प्रसिद्ध विद्वान शामिल हुए।