सिक्ख धर्म के प्रवर्तक और प्रथम गूरु गुरुनानक देव जी के 553वें प्रकाशोत्सव पर्व पर नगर में शनिवार को नगर कीर्तन निकाला गया। गुरु नानक का संदेश देते पंज प्यारों के साथ साधकों ने ‘जो बोले सो निहाल सतश्रीअकाल’, सत नाम वाहे ग़ुरु का उद्घोष किया। शाम 4 बजे झंडा बाजार पुराने गुरुद्वारा से प्रारंभ नगर कीर्तन झंडा बाजार, कालभैरव चौक, सरावगी मोहल्ला से होते हुए बस स्टैंड, स्टेट बैंक चौराहा का भ्रमण किया। नगर कीर्तन में वाहनों पर गुरुनानक देव जी के विशाल चित्र कीर्तन की शोभा बढ़ा रहे थे। फूलों से सजे वाहन में गुरुग्रंथ साहिब जी दर्शन कर हर कोई अपने आपको धन्य कर रहा था। बैंड-बाजों की धार्मिक धुनों के बीच संकीर्तन यात्रा नगर पथ पर शोभायमान कर रही थी।
गुरु नानक जी महाराज का संदेश दे रही थीं महिलाएं
संकीर्तन जुलूस में महिलाएं झांझ-मंजीरे के साथ गुरुनानक देव जी के प्यार, भाईचारे का संदेश देते चल रही थी। नगर कीर्तन दोपहर करीब तीन बजे के लगभग नवीन गुरुद्वारे मझौली बाईपास में समाप्त हुआ।
बस स्टैंड में हुई जमकर आतिशबाजी, पुष्प वर्षा कर गुरु ग्रंथ साहिब जी का स्वागत
नगर कीर्तन के सिहोरा बस स्टैंड में पहुंचते ही जमकर आतिशबाजी की गई। साथ ही पुष्पों की वर्षा कर गुरु ग्रंथ साहिब जी का स्वागत किया गया। देर शाम मझौली बाईपास स्थित नवीन गुरुद्वारे में नगर कीर्तन का समापन हुआ।
!