रिपोर्टर संतोष चौबे
पन्ना। न्यायालय-श्रीमान विषेष न्यायाधीष (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम), जिला पन्ना म0प्र0 के न्यायालय नें आरोपी इमरान पिता हलीम मोहम्मद, उम्र 37 वर्ष निवासी गुल्लाइची मोहल्ला थाना कोतवाली पन्ना, जिला पन्ना म0प्र0 को न्यायालय ने दोषी पाते हुए धारा 366 भादसं. सहपठित धारा 3(2)(5) एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम में आजीवन कारावास एवं 2000/- का अर्थदण्ड एवं धारा 376(2)(एन) भादसं. सहपठित धारा 3(2)(5) एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम में आजीवन कारावास (षेष प्राकृत जीवनकाल तक) एवं 5000/- का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। राज्य शासन की ओर से पैरवी विषेष लोक अभियोजक/वरिष्ठ सहा. जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री दिनेष कुमार खरे ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 22.04.2018 को अभियोक्त्री के पिता ने थाना कोतवाली पन्ना में इस आषय की रिपोर्ट लेख करायी कि दिनांक 22.04.2018 के दोपहर करीब 02ः00 बजे की बात है वह अपने घर पर सोया था पत्नी साप्ताहिक बाजार सब्जी खरीदने गई थी अभियोक्त्री एवं उसके साथ अन्य छोटे बच्चे घर में सो रहे थे, पत्नी ने बाजार से वापस आने के बाद देखा तो लड़की घर मे नहीं थी। अभियोक्त्री के पिता ने आसपास मोहल्ला पड़ोस मे तथा बाजार मे तलाष किया लड़की का कहीं कोई पता नहीं चला, घर में सामान देखा तो लड़की स्कूल की मार्कषीट, आधार कार्ड, स्कूल का परिचय पत्र एवं स्कूल बैग में पहने कपड़े साथ मे ले गयी। उसकी लड़की को कोई शादी का लालच देकर बहला फुसलाकर घर से भगा ले गया है। अभियोक्त्री जो 17 वर्ष की है इमरान नाम का लड़का जो अभियोक्त्री को स्कूल आजे जाते मिलता जुलता एवं बातचीत करता था इस संबंध की जानकारी मिलने पर उसके द्वारा लड़की को रोका था तथा स्कूल भी जाता था जो स्कूल के षिक्षकों द्वारा भी रोका गया था इस वजह से इमरान द्वारा लड़की को बहला फुसलाकर भगा ले जाने का संदेह है, जिसकी आसपास तलाष करने पर कहीं कोई पता नहीं चल रहा है। अभियोक्त्री के पिता की उक्त मौखिक रिपोर्ट के आधार पर थाना कोतवाली पन्ना मे अपराध क्रमांक 292/2018 धारा 363 भादसं. पंजीबद्ध करने उपरांत गुम इंसान क्रमांक 18/2018 पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान सुसंगत साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किए गए। अभियोक्त्री का चिकित्सीय परीक्षण एवं धारा 164 दप्रसं. के अंतर्गत कथन लेखबद्ध कराये गये। अभियुक्त के गिरफ्तारी की सूचना दी जाकर अभियुक्त को गिरफ्तारी पत्रक अनुसार गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। अन्वेषण के दौरान धारा 366, 376 भादसं. एवं धारा 3/4, 5/6, 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवं धारा 3(2)(अ), 3(2)(अं) एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम का इजाफा कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन अधिकारी ने महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत कियें। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी इमरान को धारा 366 भादसं. सहपठित धारा 3(2)(5) एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम में आजीवन कारावास एवं 2000/- का अर्थदण्ड एवं धारा 376(2)(एन) भादसं. सहपठित धारा 3(2)(5) एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम में आजीवन कारावास (षेष प्राकृत जीवनकाल तक) एवं 5000/- का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
ऋषिकांत द्विवेदी
मीडिया प्रभारी/
सहा. लोक अभियोजन अधिकारी
जिला पन्ना म.प्र.