रिपोर्टर बरही नीरज तिबारी
कटनी। शासकीय महाविद्यालय बरही में विद्यार्थियों को स्वरोजगार स्थापित करने आत्मनिर्भर तथा स्वावलंबी बनाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग मप्र द्वारा शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा के अंतर्गत प्राचार्य डा आर के वर्मा के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक डा एस एस धुर्वे तथा कन्हैया विश्वकर्मा के सहयोग से रामसुख दुबे जैविक कृषि विशेषज्ञ द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
प्रशिक्षण में रासायनिक खाद एवं कीट नाशकों के असंतुलित उपयोग से भूमि में सूक्ष्म जीवों की कमी होने के कारण भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो रही है।तथा उत्पादों के उपयोग से उपयोग से मानव में रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी तथा कई बीमारियां हो रही हैं। कृषि की लागत में वृद्धि भूमि मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को हो रहे नुकसान की जानकारी दी गई।
ग्राम में उपलब्ध संसाधन चारा पैरा भूसा गोबर फसल अवशेष डंठल कड़वी गौमूत्र एवं पत्तियों से जैविक खाद तथा कीट नाशक बनाकर फसलों में उपयोग करने से कृषि लागत में कमी जो
तथा बाजार पर निर्भरता कम होगी।पौधों के लिए आवश्यक 17 पोषक तत्वों की जानकारी।रासायनिक खादों में 2 या 3 तत्व होते हैं।जैविक खादों में सभी पोषक तत्व होते हैं।मिट्टी परीक्षण के लिए गर्मी में गेंहूँ की कटाई के बाद खेत से प्रति हेक्टेयर 10 से 15 स्थानों से मिट्टी नमूने लेकर बतलाई गई विधि से 500 ग्राम मिट्टी को नमूना पत्रक के साथ मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला भेजने तथा परिणाम पत्रक में दी गई।सिफारिश के अनुसार फसलों में खाद देने की तकनीकी जानकारी दी गई।मिट्टी परीक्षण से पी एच मान जैविक कार्बन विधुत चालकता अम्लीयता क्षारीयता नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश की भूमि में उपलब्धता की जानकारी प्राप्त होती है।