प्रदीप गुप्ता/नर्मदापुरम / पुण्यदायनी मां नर्मदा के तट पर स्थित नर्मदापुरम में प्रसिद्ध काले महादेव मंदिर में 11 अक्टूबर को देवाधिदेव महादेव की महाआरती होगी। वहीं नर्मदा तट के प्रसिद्ध प्राचीन सेठानी घाट हजारों दीपमालिकाओं से जगमगाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को महाकाल की नगरी उज्जैन आ रहे हैं। प्रधानमंत्री महाकालेश्वर मंदिर विस्तारीकरण के पहले चरण में महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे। उज्जैन में भव्य धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशानुरूप नर्मदापुरम जिले के प्रसिद्ध मंदिरों में भी अनेक स्थानों पर धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाएंगे। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के मार्गदर्शन में जिले के प्रमुख मंदिरों में भी भव्य आयोजन किए जाएंगे। नर्मदा तट के काले महादेव मंदिर में महाआरती का आयोजन किया जाएगा। इसी के साथ अन्य शिवालयों व सेठानी घाट पर दीपमालिकाओं की रोशनी से मंदिर परिसर और नर्मदा तट को जगमगाएगा जाएगा। जिसकी तैयारी की जा रही है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी विनोद कुमार शुक्ला ने बताया कि गोलघाट पर स्थित काले महादेव परिसर एवं सेठानी घाट पर समारोह पूर्वक आयोजन होंगें। जिसमें शाम के समय पूजन, महाआरती और भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। इसी के साथ सेठानी घाट व अन्य घाटों पर दीप मालिका से घाटाें को सजाया जाएगा।
जिले में प्रसिद्ध है काले महादेव का मंदिर नर्मदा तट के सेठानीघाट से जुड़े हुए गोलघाट पर भगवान काले महादेव का मंदिर करीब दो सौ साल पुराना है। सेठानी घाट के बनने के बाद ही इस मंदिर का निर्माण होना बताया जाता है। मंदिर के गर्भगृह में विराजित विशाल काले शिवलिंग की स्थापना के कारण ही श्रीकाले महादेव धाम के नाम से यह मंदिर विख्यात है। पिछले पांच वर्ष पूर्व से इस मंदिर को उज्जैन के महाकालेश्वर महादेव के मंदिर की तरह ही आकार व स्वरूप दिया जा रहा है।
*इन संतों ने की है सेवा*
इस धार्मिक व ऐतिहासिक श्रीकाले महादेव मंदिर में शुरुआती दौर में अनेक संतों ने सेवा की है। जिनमें वंशीवाले बाबा एवं पतई वाले महाराज सहित अन्य संतों ने यहां आकर काले महादेव की नियमित सेवा की है। इस मंदिर में उज्जैन की तर्ज पर ही भव्य आयोजन होते हैं जिस प्रकार उज्जैन में महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। उसी प्रकार से यहां भी नो दिनों तक शिवरात्रि के आयोजन होते हैं। अल-अलग रूप में श्रृंगार किए जाते हैं। वहीं श्रावण माह में उज्जैन की तर्ज पर ही विशाल पालकी यात्रा निकाली जाती है। जिसमें पूरा शहर व अन्य स्थानों के हजारों श्रद्धालु जुड़ते हैं।
*महाकाल की तरह दिखेगा ऊपर से श्रीयंत्र*
काले महादेव मंदिर धाम को भी उज्जैन महाकाल ज्योर्तिलिंग की तरह ही विकसित किया जा रहा है। इसमें जो शिखर कलश बन रहे वह महाकाल के तर्ज पर बन रहे हैं। इसमें सबसे ऊपर वाला स्वर्ण कलश रहेगा। इसे अगर ड्रोन या हैलीकाप्टर से देखा जाए तो यह महाकाल या श्रीयंत्र के रूप में ही दिखेगा।