प्रदीप गुप्ता/नर्मदापुरम्/ आरक्षी केन्द्र तवानगर जिला नर्मदापुरम् के अपराध कमांक 26/ 2010 में आरोपी अतरसिंह परते कमलाबाई अजय सिसोदिया, प्रदीप सिंह, पुनीत झारिया, हरिओम परते, राजकुमार परते एवं आनंद परते के विरूद्ध प्रकरण विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1900 नर्मदापुरम् (म.प्र.) में विचाराधीन था। जिसमें न्यायाधीश जे.पी. सिंह द्वारा निर्णय पारित करते हुए आरोपीगणों को दोषी मानते हुए पृथक पृथक आजीवन कारावास सात वर्ष एवं पांच वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया ।शासन की ओर से पैरवी केशवसिंह चौहान द्वारा की गई। श्री चौहान द्वारा बताया कि अभियोक्त्री के पिता ने दिनांक 03.04.18 को जनसुनवाई में अभियोक्त्री के अपहरण कर बंधक बनाये जाने के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया गया जिसकी जांच में पिंड़िता ने अंतरसिंह परते ह परते पुनीत झारिया के द्वारा रात्रि के समय घर से मुंह दबाकर बाल पकड़कर खीचकर ले जाना तथा अतरसिंह परते के द्वारा बलात्कार करना एवम अतरसिंह द्वारा उसके घर पर रखना मारपीट करना जान से मारने की धमकी देना अतरसिंह की पत्नी द्वारा मारपीट करना आनंद परते राजकुमार परते एवं प्रदीप सिंह राठौर द्वारा शादी का दबाव डालना व अतरसिक के द्वारा जबरदस्ती डरा धमका कर शादी करना तथा षडयंत्रपूर्वक शादी के दस्तावेज बनवाना । बाद में अजय सिसोदिया को बेचना । अजय सिसोदिया द्वारा बंधक बनाकर रखना तथा दुराचार करना बताया गया। विवेचना में पाया गया कि दिनांक 01.03.16 को रात्रि आरोपी अतरसिंह हरिओम अभियोक्त्री को बलपूर्वक बंधक बनाकर अपहरण कर अतरसिंह परते के घर पर ले गए। पीडिता के साथ अतरसिंह के द्वारा लैंगिक हमला किया। बाद में रिश्तेदारों के यहां ग्राम देहरी जनानी ले गए। बाद न्यायालय बैतूल पहुंचकर पीडिता से अतरसिंह के शादी बाबत शपथ पत्र बनाए गए । उक्त कृत्य में आरोपीगण आनंद परते, राजकुमार परते तथा कमलाबाई द्वारा आरोपी पति अतरसिंह को दूसरी शादी की सहमति देकर षडयंत्र पूर्वक दस्तावेज तैयार कराए गए। दिनांक 23.03.18 को संबंध विच्छेद सतावेज तैयार कराकर आरोपी अजयसिंह सिसोदिया निवासी गजपुर को 35000.00 में बेच दिया। आरोपी अजयसिंह ने अपने निवास गजपुर में पीडिता को 11 दिन बंधक बनाकर लगातार दुराचार किया। दिनांक 04.04.18 को पीडिता से आरोपी अजयसिंह की शादी यावत शपथ पत्र षडयंत्रपूर्वक तैयार कराए गए संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण में विधारण उपरांत आरोपीगणों को दोषी पाते हुए आरोपी अतरसिंह परते को आजीवन कारावास कमलाबाई को सात वर्ष का सश्रम कारावास, अजयसिंह को आजीवन कारावास, प्रदीप को पाच वर्ष का सश्रम कारावास, पुनीत झारिया को सात वर्ष का सश्रम कारावास, हरिओम परते को सात वर्ष का सश्रम कारावास, राजकुमार परते को चार वर्ष का सश्रम कारावास एवं आरोपी आनंद परते को चार वर्ष के सश्रम कारावास एवं पृथक पृथक अर्थदंड से दंडित किये जाने के आदेश जारी किये गये। अर्थदंड अदा नहीं करने की दशा में अतिरिक्त एक माह के श्रम कारावास के दंड से दंडित किया गया ।