प्रदीप गुप्ता/नर्मदापुरम/ भारत देश की पूरे विश्व में यही पहचान है कि विभिन्न धार्मिक विविधता के बाद भी सभी एक सूत्र में रहते हैं। ओणम का त्योहार मलयाली समाज द्वारा जोर-शोर से मनाया जाता है। ओणम (चिग्गम मासम) का त्योहार सितम्बर के पहले सप्ताह में मनाया जाता है। रसूलिया स्थित जीजी जोसेफ एवं बेजू जोसफ के घर पर हमने देखा कि फूलों की रंगोली बनाते समय बच्चे कितने खुश हो रहे थे। केरल में हर जाति धर्म के लोग इस त्योहार को मनाते हैं। बता दे कि सितम्बर के पहले सप्ताह से केरल में नए साल की शुरुआत होती है। राजा महाबलि हर साल अपने नागरिकों को देखने आते है कि किस तरह लोगो’ ने नए साल में अपने घरों को फूलों से सजाया है। इस त्योहार में विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते है। जिसे परिवार के लोग मिलकर केले के पत्ते मे खाते हैं। यह फूलों की रंगोली 25 किलों फूल एवं पत्तियों से बनाई गई है। जिसे नर्मदापुरम की शायनी जोसफ ने अपने घर के
आँगन में बनाया है।