मयंक जैन जबेरा
कहा गया है कि जहां स्त्रियों की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं। ऐसा सिर्फ हम नहीं कहते बल्कि हमारे वेद शास्त्र भी कहते है, यह बात पूरी तरीके से सत्य है क्योंकि आज की महिलाएं किसी पुरुष से कम नहीं है, घर में खाना पकाने से लेकर देश चलाने तक का कारनामा जो महिलाओं ने कर दिखाया है, इनके जज्बे को सलाम तो बनता है। धान खरीदी केंद्रों पर महिलाओं की अग्रणी भूमिका रही है, इससे यह प्रतीत होता है कि महिलाएं वास्तव में आत्मनिर्भर बनने के लिये अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं हैं। महिलाओं के सशक्तिकरण में शासन-प्रशासन अद्वितीय सहयोग है।
गौरतलब है कि दमोह जिले के जबेरा जनपद क्षेत्र में महिलाओं के द्वारा सात से अधिक धान खरीदी केंद्रों पर धान की खरीदी की गई थी। धान खरीदी केंद्र चोपरा में सरस्वती स्व-सहायता समूह के अध्यक्ष शोभा रानी ने बताया कि 26000 क्विंटल धान की खरीदारी का बड़ा लक्ष्य हमें दिया गया था। समूह की सभी महिलाओं के द्वारा कड़ी मेहनत कर लक्ष्य प्राप्त कर दिखाया।
पौड़ी मानगढ़ केंद्र में नंदनी स्व सहायता का समूह की अध्यक्ष रूपा राय ने जानकारी देते हुए कहा कि खरीदी का एक बड़ा लक्ष्य भी हमारे पास था। जिले से आला अधिकारी हमारे केंद्र का जायजा लेने के लिए आए। स्वयं के द्वारा इतना बड़ा लक्ष्य संभव नहीं था लेकिन सभी सखी सदस्यों की सहभागिता से कार्य पूर्ण हो गया।
इसी प्रकार अन्य खरीदी केंद्र पर 16000 क्विंटल से 20000 क्विंटल तक का लक्ष्य रखा गया था। खमरिया केंद्र पर अन्नपूर्णा स्व सहायता समूह, बिजौरा खमरिया केंद्र पर जानकी रमण स्व सहायता समूह, सिमरी जालम सिंह में अंजनी स्व सहायता समूह, परस्वाहा खरीदी केंद्र पर स्वराज समूह , पिपरिया नवल केंद्र पर गुरुकृपा स्व सहायता समूह ब कोड़ा खरीदी केंद्र में शारदा स्व सहायता समूह अमदर की महिलाओं के द्वारा धान खरीदी का कार्य पूर्ण कर लक्ष्य प्राप्त किया।
महिला स्वयं करती हैं कार्य
समूह की महिलाओं ने बताया कि खरीदी केंद्र पर सभी महिला मिलकर कार्य करती हैं। बोरियों पर छापा लगाने से लेकर सिलाई तक का कार्य महिलाओं के द्वारा किया जाता है। जो कठिन कार्य होते हैं उनमें पुरुषों की मदद ली जाती है। रविवार के दिन केंद्र पर आंतरिक कार्य को पूर्ण करते हैं एवं आगामी दिवसों की भूमिका बनाते हैं।
विधायक जबेरा ने कहा
जबेरा विधायक धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने कहते है धान खरीदी करके महिलाओं ने साबित कर दिया है कि वह स्वावलंबी है, आत्मनिर्भर हैं और भारत के नवनिर्माण में अपना योगदान दे रही हैं। ऐसा कोई भी कार्य नहीं है, जो महिलाओं के द्वारा नहीं किया जा सकता हो।
मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा महिलाओं की स्थिति को मजबूत करने के लिए हर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आर्थिक सहायता देकर स्व-रोजगार से भी जोड़ा जा रहा है। कानून व्यवस्था से लेकर आवास, आर्थिक और रोजगार के क्षेत्र में महिलाओं के लिए संबल प्राप्त हुआ है। भारत में महिला की स्थिति में काफी सुधार आया है।