वर्षा काल में भी टाइगर रिजर्व में होगी पर्यटकों की चहल पहल बफर जोन में पर्यटन बढ़ाने हुईं परिचर्चा
कान्हा, मंडला।
कान्हा टाइगर रिजर्व जैसे सभी नेशनल पार्कों में सफारी के अलावा पर्यटन के अनुभव बढ़ाने, वर्षा ऋतु में पार्कों के बंद हो जाने के दौरान फ़ुटफाल बढ़ाने तथा पर्यटन के व्यवसाय को गति प्रदान करने के उद्देश्य से कान्हा टाइगर रिजर्व के एमपीटी के बघीरा रिजॉर्ट, मोचा में शनिवार को दो दिवसीय कार्यशाला आरंभ हुई।
प्रदेश में पर्यटन विकास के लिए
एमपीटीबी के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ल के मार्ग दर्शन में आयोजित कार्यशाला में
वाइल्ड लाइफ हैबिटेट में सस्टेनेबल ट्रैकिंग प्रैक्टिस,
एडवेंचर एक्टिविटीज इंश्योरेंस
, वेलनेस टूरिज्म, स्काई गेजिंग और साइकिल सफारी आदि विषयों पर
हितधारकों ने चर्चा की।
जिला पंचायत मंडला के सीईओ श्रेयांश कोमट, कान्हा वन मंडल बफर जोन की उप संचालक अमिता के, एमपीटीबी के साहसिक खेल विभाग के संयुक्त संचालक डॉ एस के श्रीवास्तव, बिछिया की
एसडीएम सोनाली देव,
यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक के वरिष्ठ अधिकारी रविशंकर और होटल-लॉज संघ, कान्हा के अध्यक्ष तरुण भाटी ने दीप प्रज्ज्वल कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। बिछिया एसडीएम सोनाली देव ने साहसिक खेलों और आदिवासी संस्कृति को मंडला के पर्यटन विकास का मजबूत स्तंभ बताया। कान्हा नेशनल पार्क के बफर जोन की उप संचालक अमिता के ने पीपीटी के माध्यम से इको तथा रिस्पांसिबल टूरिज्म पर विचार रखे। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थानीय लोगों की आय में वृद्धि कर सकता है।
जिला पंचायत मंडला के सीईओ श्रेयांश कोमट ने कहा कि मंडला अध्यात्म और लोक संस्कृति का संगम है। पीपीटी के माध्यम से उन्होंने महिष्मति घाट की पंच चौकी महाआरती, चौगान मढिया आदि स्थलों का महत्व बताया।
एमपीटीबी के डॉ एस के श्रीवास्तव ने बताया कि टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध निदेशक शिव शेखर शुक्ल का मत है कि
मंडला में भी पंचारण्य बनाया जाएगा जिसकी संरचना विकसित करने के लिए प्रशासन से दो एकड़ की भूमि ली जाएगी। लोक संस्कृति और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने यह पंचारण्य उपयोगी रहेगा।
डॉ एस के श्रीवास्तव ने बताया कि ग्लोबल सस्टेनेबल टूरिज्म काउंसिल ने पचमढ़ी को ग्रीन डेस्टिनेशन के रूप में प्रमाणित किया है यह प्रदेश के पर्यटन विकास के दृष्टिकोण से बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने बताया कि धार कुच्छी से गुजरात के स्टैचू ऑफ यूनिटी तक क्रूज सेवा जल्द आरंभ होगी। उन्होंने अपने प्रजेंटेशन में प्रदेश में सफलता पूर्वक संचालित स्काई डाइविंग जैसी गतिविधियों के बारे में बताया। डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश अब साहसिक खेलों के लिए देश विदेश में नाम कमा रहा है उन्होंने अप्रैल माह में मंडला जिले में सफलता पूर्वक संचालित झील महोत्सव के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि साहसिक खेलों को बरगी बांध में संचालित करने एमपीटीबी ने जबलपुर के स्पोर्ट्स स्टूडियो के संचालक आशीष अग्रवाल को लायसेंस प्रदान किया है यह इस बात को प्रमाणित करता है कि पर्यटन बोर्ड पीपीपी मॉडल के माध्यम से भी आगे बढ़ रहा है। पर्यावरण संरक्षण के साथ पेंच और अलीराजपुर में ट्रैकिंग करा रहे इंडिया हाइक्स के प्रमुख नीतेश कुमार जे ने बताया कि उनके साथ ट्रैकिंग करने वाले कचरा एकत्र करने एक थैला रखकर चलते हैं। भोपाल से आए फिल्म और डॉक्यूमेंट्री निर्माता निशांत कपूर ने वाइल्ड लाइफ को आकार देने फिल्मों की भूमिका विषय पर प्रकाश डाला। फिल्म निर्माता और वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर फरहान खान की डॉक्यूमेंट्री दिखाई गईं। इस अवसर पर एडवेंचर इंश्योरेंस कंपनी
एएससी 360 की प्रमुख पूजा सिंघल, साइकिल सफारी का। संचालन कर रहे रोहित त्रिवेदी तथा सायरन्स स्पोर्ट्स के राहुल शर्मा ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर एमपीटीबी के सलाहकार के के सिंह, परियोजना अधिकारी अवनीश यादव, पर्यटन प्रबंधक जबलपुर तरुण मिश्र तथा पर्यटन प्रबंधक बालाघाट रत्नदीप आदि उपस्थित रहे।
कार्यकम में बफर में सफर विषय पर परिचर्चा हुई तथा लोगों ने मोचा स्थित बैगा आर्ट गैलरी का भ्रमण किया तथा बैगा नृत्य का आनंद उठाया।
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हेलीकॉप्टर से पहुंचे
जबलपुर से कान्हा
एमपीटीबी के डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध निदेशक श्री शुक्ल का मानना है कि कान्हा नेशनल पार्क तक जल्द पहुंचने के लिए बोर्ड जल्द ही जबलपुर से कान्हा तक हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करेगा। कान्हा में मोचा या खटिया गेट के निकट हेलिपैड का निर्माण होगा।बदला जाए खटिया गेट का नाम
कार्यशाला में सहभागी होटल, रिजॉर्ट संचालकों ने कहा कि खटिया गेट का नाम बदल दिया जाए ताकि पर्यटकों की गलतफहमी दूर हो कि यहां कोर क्षेत्र नहीं है और खटिया गेट से प्रवेश करने पर बाघ नहीं दिखते।