कालापीपल(बबलू जायसवाल)देश की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी अनुशासन के नाम से जानी जाती है,लेकिन अनुशासन वाली पार्टी में अनुशासनहीनता चरम पर है,मौका था शुजालपुर में लोक निर्माण विभाग संभाग शाजापुर द्वारा व्ही.आई.पी.सूट रेस्ट हाउस एवं 04 आई टाईप आवास गृह कार्यक्रम का जिसमें बाकायदा
पीआईयू विभाग द्वारा आमंत्रण कार्ड छपवाए गए, लेकिन जब कार्ड को सांसद महेंद्र सोलंकी द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर किया तो पता चला कि सरकारी कार्यक्रमों में कोई भी जनप्रतिनिधि किसी भी दल का हो, उसका आमंत्रण में नाम होता है,चूंकि पीआईयू सरकारी विभाग है और विभाग द्वारा कराए जा रहे भूमि-पूजन में चुने हुए जनप्रतिनिधि सांसद का नाम न होना पूरे जिले में
जन-चर्चा का विषय बना हुआ है,और अधिकारियों पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं,क्या सरकारी विभागों में भी राजनीति रंग चढ़ने लगा है,जिसका उदहारण है,”पीआईयू विभाग”सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की अन-देखी कर रहा है,जिले में जब भी कोई कार्यक्रम होता है,तो भले ही भाजपा कराती थी,लेकिन विधायक के नाते कुणाल चौधरी का नाम सरकारी कार्यक्रमों में अतिथि के तौर पर आता था लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि सरकारी कार्यक्रम भी राजनीति के चलते सांसद जैसे बड़े जनप्रतिनिधि को आखिर गलती से भूल गया या राजनीति के इशारे पर नहीं लिखा गया,आखिरकार सरकारी विभाग पीआईयू ने अपने भूमि-पूजन कार्यक्रम में सांसद के प्रोटोकॉल का उल्लंघन किसके कहने पर किया,कार्यक्रम में सांसद महेंद सोलंकी को ना बुलाना राजनीतिक गलियारों में बड़ा चर्चा का विषय बना है,गौरतलब है कि पिछले दिनों शुजालपुर में एक कार्यक्रम हुआ,जिसमें दो नाम नहीं थे,एक भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ.रवि पांडे एवं दूसरा सांसद महेंद्र सोलंकी का सवाल उठता है कि एक तरफ भारतीय जनता पार्टी नारा देती है कि सबका साथ-सबका विकास क्या ? यही है भाजपा का सबका साथ-सबका विकास..अब सांसद जी पीआईयू विभाग के अधिकारीयों पर क्या एक्शन लेते हैं देखना होगा..!
जब इस मामले में पीआईयू अधिकारी शाजापुर से दूर-भाष चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि किसका नाम छूट गया,मैं अभी मीटिंग हूं फिर बात करते हैं कह कर फोन रख दिया,
पीआईयू अधिकारी भिक्या परमार”शाजापुर”