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ग्रामीणों अंचलों मैं बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए शासन द्वारा बाहुल्य क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले गए है। जिस पर विभाग प्रत्येक माह लाखो रुपए खर्च कर रहा है। इसके बाद भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरकार की मंशा को, विभाग की लापरवाही के कारण पूरा नहीं कर पा रहा है। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की मंशा से चालू रीठी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र का प्राथमिक स्वास्थ्य घुघरा जो सप्ताह में सिर्फ तीन दिन ही खोला जाता है । बाकी के दिनों बंद रहता है । जिसका खमीजा गरीब जनता को उठाना पड़ रहा है और वह अपना इलाज करने या आपातकालीन स्थिति में जिला अस्पताल के लिए भागना उनकी मजबूरी होती है । जबकि केंद्र में महिला प्रसव से लेकर अन्य प्रथम उपचार की सारी सुविधाएं मोजूद है । जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पांच कर्मचारियों का स्टाफ होता है, जिसमें एक डॉक्टर, एक कंपाउंडर, नर्स, एएनएम कार्यकर्ता और एक वार्ड ब्वॉय रहता है। लेकिन यहां पर एक डॉक्टर वह भी तीन दिन के लिए और गार्ड होने के कारण यह केंद्र यथावत नहीं चल पा रहा है ।जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को ठीक से चलाने व जनता के प्रति इनकी जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए रोगी कल्याण समिति की स्थापना भी की गई है । यहां के रहवासियों ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि यदि हफ्ते में तीन दिन केंद्र खोला जा रहा है तो इसे बिलकुल बंद कर देना चाहिए ताकि लोग यहां इलाज की कोई उम्मीद ही ना कर सके । साथ ही विभागीय अधिकारियों पर मनमर्जी का आरोप लगाते हुए ध्यान आकर्षित कराया है कि जो कर्मचारी की पदस्थापना जिस कार्य के लिए जहां हुई है उसे वही यथावत रखा जाए । तो स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो सकता है ।
हरिशंकर बेन,,