कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव ने सोमवार को समय-सीमा बैठक में वर्षा ऋतु के दौरान संभावित आपदाओं का आकलन करते हुए बचाव एवं राहत के समुचित उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बाढ़ संभावित क्षेत्रों का आकलन कर नदी-नालों, सड़क-पुलियाओं एवं रपटों का चिन्हांकन करने के निर्देश दिए।
बैठक में वनमंडलाधिकारी श्री गौरव शर्मा, जिला पंचायत के सीईओ श्री शिशिर गेमावत और अपर कलेक्टर साधना परस्ते मौजूद रहे।
कलेक्टर श्री यादव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि पिछली बारिश के दौरान बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थितियों से सीख लेकर समुचित तैयारियां करें। उन्होंने कहा कि बाढ़ आपदा प्रबंधन के तहत तय मानक संचालन प्रक्रियाओं का हर विभाग द्वारा पालन सुनिश्चित हो और तैयारियों का मॉक ड्रिल भी किया जाये। ताकि आपात स्थिति में किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति न बने।
कलेक्टर ने लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि पिछले वर्ष की बारिश में जिले के जिन स्थानों पर पानी पुल के ऊपर से बह रहा था वहां एहतियातन दोनों ओर कर्मचारियों की ड्यूटी लगायें। साथ ही चेतावनी बोर्ड व बैरियर की भी व्यवस्था की जाये।
कलेक्टर श्री यादव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे किसी भी आपात स्थिति से निपटने में आपसी समन्वय, सतर्कता के साथ त्वरित कार्यवाही निष्पादित करें। उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों को पिछले मानसून सत्र में ढीमरखेड़ा क्षेत्र के 14 गांवों में बाढ़ की वजह से बाधित हुई बिजली आपूर्ति व्यवस्था के पिछले अनुभव से सीख लेते हुए मैदानी भ्रमण कर इस वर्ष कारगर एवं पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने की हिदायत दी।
कलेक्टर श्री यादव ने स्वास्थ्य अमले को निर्देशित किया कि बाढ़ एवं जल जनित बीमारियों की रोकथाम एवं चिकित्सा व्यवस्था तथा दवाईयों के पर्याप्त भंडारण के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सभी एसडीएम, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, तहसीलदारों, पशुपालन, जल संसाधन, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, पीएचई, नगर निगम तथा होमगार्ड और एसडीआरफ को भी उनके विभाग से संबंधित एसओपी के तहत पुख्ता प्रबंध करने की हिदायत दी।
बच्चों को दें समझाइश
कलेक्टर श्री यादव ने निर्देशित किया है कि स्कूल के बच्चों को कक्षाओं में यह समझाईश अवश्य दी जाए कि तेज बारिश एवं बाढ़ की स्थिति में बहाव वाले नदी-नालों, रपटों एवं तटीय एवं निचले इलाकों में न जाये।
कलेक्टर ने बाढ़ आपदा के दौरान त्वरित सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु पुख्ता सूचना तंत्र विकसित करने और संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न का भंडारण करने के निर्देश दिए।
कंट्रोल रूम
आपदा प्रबंधन के लिए कलेक्ट्रेट कार्यालय में 24 वाय 7 कंट्रोल रूम संचालन के निर्देश दिए। कंट्रोल रूम का दूरभाष क्रमांक 07622-220070, 07622-220071 है।
न हो औपचारिक कार्यक्रम
कलेक्टर श्री यादव ने जिले में चल रहे विकसित कृषि संकल्प अभियान की समीक्षा करते हुए उपसंचालक कृषि मनीष मिश्रा को दो टूक लहजे में निर्देशित किया कि शासन का यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम रस्मी और औपचारिक न होकर वास्तविक हो। ताकि किसानों को इस का सीधा लाभ मिल सके। अभियान के तहत कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में किसानों को बुलाएं। साथ ही अभियान के तहत किसानों को नरवाई न जलाने, खाद, वर्मी कम्पोस्ट तथा शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दें।
करें स्कूल बसों की जांच
बैठक में कलेक्टर श्री यादव ने आरटीओ को 15 जून तक स्कूल बसों की फिटनेस, रजिस्ट्रेशन, परमिट एवं इंश्योरेंस की जांच करने के निर्देश दिए। साथ ही कॉमर्शियल वाहनों जैसे बस, ट्रक आदि की भी जांच करने के निर्देश दिए।
मानसून के मद्देनजर कलेक्टर श्री यादव ने सभी एसडीएम को निरीक्षण कर सोसायटी, सरकारी एवं निजी दुकानों में खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता और शासकीय उचित मूल्य दुकानों की निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो विक्रेता खाद के अलावा उनकी दुकान से अन्य सामग्री लेने के लिए किसानों को मजबूर करते हैं, ऐसे विक्रेताओं के विरूद्ध एसडीएम सख्त कार्यवाही करें।
समग्र ई-केवाईसी की समीक्षा
कलेक्टर श्री यादव ने समग्र ई-केवाईसी की समीक्षा करते हुए इस कार्य को 30 जून तक पूरा करने के निर्देश दिए। नगर निगम की कम प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए कलेक्टर ने कैंप लगाकर महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ समन्वय कर कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। इसके अलावा बरही, कैमोर एवं विजयराघवगढ़ नगर पंचायतों की कम प्रगति भी असंतोष व्यक्त किया।
कलेक्टर श्री यादव ने आई-गॉट पोर्टल पर सभी कर्मचारियों को रजिस्ट्रेशन कर पोर्टल पर उपलब्ध कोर्स करने के निर्देश दिए।
एक पेड़ मां के नाम
कलेक्टर ने अधिकारियों को विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून से 30 सितंबर तक एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत किए जाने वाले पौधारोपण की कार्ययोजना और आवश्यक संख्या में पौधों की जानकारी का आकलन करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि रोपे गए पौधों की सुरक्षा और सिंचाई का प्रबंध जरूर किया जाए।