सुनिऐ जुबानी
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हरा सोना’ यानि कि तेंदूपत्ता जंगल में उगने वाला ये ‘हरा सोना’ लोगों को न सिर्फ आत्मनिर्भर बना रहा है बल्कि आय का साधन भी बढ़ा रहा है. तेंदू पत्ते कई ग्रामीणों का साल भर का रोजगार चलता है।
तेंदूपत्ते की तुड़ाई करने वाले ग्रामीण इसे हरा सोना भी कहते हैं।आदिवासियों और वनवासियों के लिए तेंदू पत्ता तोड़ना आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत होता है,
तेंदू पत्ता की तोड़ाई का समय मौसम और स्थान पर निर्भर करता है। आम तौर पर इसकी तोड़ाई मई के पहले सप्ताह से जून के पहले सप्ताह तक की जाती है। यह कार्य मुख्य रूप से वन विभाग द्वारा संचालित समितियों के माध्यम से किया जाता है । जिसमें यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य कानूनी और नैतिक तरीके से किया जाए, जिससे ग्रामीणों की आय सुनिश्चित हो सके और वन संसाधनों का संरक्षण हो सके ।
तो वही ग्रामीणों के आय का स्रोत बढ़ाने व तेंदू पत्ता संग्रहण हेतु, कटनी जिले की रीठी वन परिक्षेत्र, क्षेत्र मैं तीन समितियां रीठी,बिलहरी,सिहुंडी बनाई गई है जिनमें, रीठी मैं 9 फड़, बिलहरी मैं 22 और सिहुंडी मैं 2 फड़ सुविधाजनक तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए लगाए गए है ।
हर एक फड़ में फंड मुंशी तेंदूपत्ता संग्रहण में तैनात किया गया है ताकि तेंदूपत्ता संग्राहक को पीने का पानी, बैठने की व्यवस्था से लेकर अन्य किसी भी प्रकार की परेशानी न हो ।
वही हर ,तेंदू पत्ता संग्रहण क्षेत्र में साइन बोर्ड लगाना आवश्यक होता है। यह जानकारी देने के लिए कि, यह एक तेंदू पत्ता संग्रहण क्षेत्र है और यहां संग्रहण के नियम लागू होते हैं। साइन बोर्ड से लोगों को संग्रहण के नियमों और प्रक्रियाओं के बारे में पता चलता है, जिससे संग्रहण में पारदर्शिता और नियम पालन सुनिश्चित होता है।
साथ ही तेंदूपत्ता संग्राहक की राशि (प्रति सैकड़ो) ठेकेदार, प्रबंधक और फड़ मुंशी का नाम, पता, नंबर की जानकारी तथा धूम्रपान निषेध लिखा होना चाहिए ।
परंतु क्षेत्र मैं अवस्थाए नजर आई । कुछ फड़ो मैं तेंदूपत्ता संग्राहक के लिए ,न पीने के पानी की व्यवस्था है, ना उनके बैठने की उचित व्यवस्था की गई है । और न ही अन्य जानकारी उन्हे मिल सके ,हेतु साइन बोर्ड तक नही लगाया गया है ।
हरिशंकर बेन