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ये हाल है कटनी जिले की रीठी समुदायक स्वास्थ्य केंद्र का ।जहां मरीजों को भोजन तो दिया जाता है ,परंतु भोजन ,मरीज या उनके परिजनों को स्वयं अपने बर्तन लेकर, भोजनालय तक भोजन लेने के लिए जाना होता है। यदि कोई मरीज के पास परिजन नहीं है और वह अकेला है तो उसे भूख ही रहना पड़ता है । अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही का खेल पिछले कई वर्षों से चला आ रहा है। बताया जाता है कि भोजन बनाने वाली फर्म में दो लोग नियुक्त किए गए हैंl लेकिन एक अकेली महिला से ही पूरा काम लिया जाता है,वही दूसरा व्यक्ति कहां है और उसे किस काम मैं लगाया गया है ।इसकी किसी को कोई खबर नहीं है ।
जिसका खमीजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। तथा भोजन व्यवस्था संभाल रही फर्म द्वारा लगातार नियमों का उल्लंघन करने मैं कोई कसर नहीं छोड़ रही है। यहां डाइट चार्ट की सुविधाओं का लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है । विशेष रूप से प्रसूता महिलाओं और एनआरसी मैं भर्ती कुपोषित बच्चों और माता को पौष्टिक आहार की जरूरत होती है, लेकिन उन्हें भी आम मरीजों की तरह खाना दिया जा रहा है । जबकि नियमानुसार अस्पताल में भर्ती मरीजों को उनकी चिकित्सीय स्थिति के अनुसार अलग-अलग बीमारियों से प्रभावित मरीजों को अलग-अलग प्रकार का आहार ,भोजन ट्राली से मरीजों तक पहुंचना चाहिए ।
हरिशंकर बेन