रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम।संभाग और जिला मुख्यालय का तमगा लिए नर्मदापुरम नगर की सड़के अतिक्रमण की चपेट में होकर वाहन चालकों सहित राहगीरों के लिए दुर्घटना का सबब बनती जा रही हैं। नगर के मीनाक्षी चौराहे से लेकर आईटीआई रोड, कृषि उपज मंडी परिसर, हरियाली चौक से होते हुए देहात थाना,आईजी ऑफिस, नवीन जेल रोड कुलामढ़ी तिराहे तक बड़ी संख्या में फिर एक बार रसूखदारों ने अपने टप रखकर सड़क किनारे बेजा अतिक्रमण कर लिया है जिससे राहगीरों को साथ ही वाहन चालकों को सड़क परिवहन चलाने में हमेशा ही दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। साथ ही कुछ टपों में अवैध शराब कारोबार भी होता है जिसके कारण आपराधिक गतिविधियां भी बढ़ रही हैं और इन क्षेत्रों में आए दिन लड़ाई झगड़े की खबरें भी सामने आती है। क्षेत्रीय विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा द्वारा पिछले दिनों पुलिस प्रशासन से नगर में बढ़ते अपराध के पीछे अतिक्रमण भी एक मुख्य कारण बताया गया और अतिक्रमण भी हटाया जाए की बात रखी। प्रशासन द्वारा अतिक्रमण मुहिम शुरू की गई परंतु वह इन दिनों सार्थक कारगर नहीं हो पा रही हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव नर्मदापुरम दिसंबर 2024 में आईटीआई परिसर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव कार्यक्रम में शामिल होने आए थे, तब नवीन जेल रोड तिराहे से लेकर हरियाली चौक तक का सड़क किनारे सरकारी जमीन पर टपों को रखकर किए गए अतिक्रमण को सख्ती से हटाया गया था। उसके बाद पुनः यहां पर टप स्थापित कर लिए गए हैं, जो कि स्थानीय जिला प्रशासन और नगर पालिका प्रशासन को मुंह चिढ़ा रहे हैं। सूत्रों की माने तो कुछ रसूखदार कथित लोगों द्वारा इन टपों के एवज में अवैध वसूली कर रहे है जो गारंटी लेते हैं कि टपों को प्रशासन नहीं हटा सकता है? क्योंकि उन कथित रसूखदारों का पुलिस थाना से लेकर अधिकारियों के बीच आना-जाना भी होता है। आश्चर्य तो यह भी होता है कि क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने तो खुद कलेक्टर सहित मुख्य नगर पालिका अधिकारी को आईटीआई रोड से अतिक्रमण हटाने के लिए पूर्व में पत्र भी लिख चुकी हैं। जिसमें कहा गया है कि आरटीओ ऑफिस देहात थाने के आसपास ऑनलाइन संचालकों द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण किया गया है, ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है कि अतिक्रमण के साथ-साथ किराए पर भी टप चलाए जा रहे हैं, जिसमें रात के समय असामाजिक गतिविधियां भी होती हैं। जिस पर नियमानुसार कार्रवाई सहित रोड को अतिक्रमण से मुक्त कराए जाने के लिए भी लिखा गया है। उसके बावजूद आईटीआई रोड का अतिक्रमण नहीं हटाया जाना अतिक्रमणकारियों के रसूख को प्रदर्शित करता है। देखना यह है कि सिटी मजिस्ट्रेट सहित शहरी तहसीलदार, नगर पालिका प्रशासन का अमला क्या यहां का अतिक्रमण हटाकर सड़क को सुगम आवागमन सहित दुर्घटना मुक्त बना पाएगा अथवा सब कुछ ऐसे ही चलता रहेगा पर भी सवाल खड़े होते हैं.?