कटनी (17 अप्रैल) – समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन के लिए जिले में 85 खरीदी केन्द्र बनाये गये हैं। जिले में 5 मई तक उपार्जन कार्य किया जायेगा। इस साल समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल और 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस को मिलाकर 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों से गेहूँ खरीदा जा रहा है।
जिला उपार्जन समिति द्वारा लिए गये निर्णय के आधार पर 76 उपार्जन केन्द्र पहले ही बनाये जा चुके हैं। इनमें से 15 उपार्जन केन्द्रों में बिक्री हेतु गेहूँ की आवक शुरू हो गई है। वहीं गुरुवार 17 अप्रैल को कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव ने एक आदेश जारी कर 8 महिला स्व-सहायता समूह को गेहूँ के उपार्जन कार्य का दायित्व सौंपा है। इसके तहत विजयराघवगढ़ तहसील में धबैया उपार्जन केन्द्र के उपार्जन का दायित्व पूनम स्व-सहायता समूह देवरी मझगवां को सौंपा गया है। इसी प्रकार बरही तहसील में गेहूँ उपार्जन केन्द्र पिपरियाकला-2 ने गेहूँ खरीदी का कार्य गुलाब स्व-सहायता समूह पिपरियाकला को, उपार्जन केन्द्र हदरहटा-2 का दायित्व राधाकृष्ण स्व-सहायता समूह करेला को तथा करेला उपार्जन केन्द्र की जिम्मेदारी खुशी स्व-सहायता समूह केवलारी को और बगैहा उपार्जन केन्द्र का दायित्व शिवराज स्व-सहायता समूह छिदहाई पिपरिया को सौंपा गया है।
इसके अलावा ढीमरखेड़ा तहसील में उपार्जन केन्द्र खमतरा का दायित्व दुर्गा आजीविका स्व-सहायता समूह बनहरी को एवं कटरिया उपार्जन केन्द्र की जिम्मेदारी जागृति स्व-सहायता समूह सनकुई को और उपार्जन केन्द्र सिलौड़ी ने गेहूँ उपार्जन का दायित्व एकता स्व-सहायता समूह को सौंपा है।
कृषकों से उपार्जन कार्य सप्ताह में 5 दिवस (सोमवार से शुक्रवार) प्रातः 8 बजे से सायं 8 बजे तक किया जायेगा एवं कृषक तौल पर्ची सायं 6 बजे तक जारी की जायेगी। जिन कृषकों की उपज की तौल अपरिहार्य कारणवश सोमवार से शुक्रवार के बीच निर्धारित दिवस को नहीं हो सकेगी, उनकी तौल शनिवार को की जायेगी। उपार्जन केन्द्र संचालन हेतु आवश्यक भौतिक एवं मानव संसाधन की व्यवस्था केन्द्र संचालन संस्था के द्वारा की जायेगी। सहायक आयुक्त सहकारिता एवं नोडल अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक उपार्जन केन्द्रों पर आवश्यक भौतिक एवं मानव संसाधन की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु नोडल अधिकारी होंगे।
भारत सरकार द्वारा उपार्जन केन्द्र पर उपलब्ध भौतिक एवं अन्य सुविधाओं के आधार पर केन्द्रों का श्रेणीकरण करने के निर्देश दिए गए हैं। उपार्जन केन्द्रों पर उपलब्ध भौतिक एवं अन्य सुविधाओं की प्रविष्टि एवं फोटोग्राफ्स भारत सरकार के पोर्टल www.pcsap.in पर उपार्जन केन्द्र प्रभारी अपलोड करेंगे तथा इसका सत्यापन उपार्जन केन्द्र के नोडल अधिकारी द्वारा किया जायेगा।
उपार्जन केन्द्र पर एफएक्यू गुणवत्ता संबंधी बैनर का प्रदर्शन अनिवार्यतः किया जायेगा। उपार्जन केन्द्र पर संबंधित केन्द्र प्रभारी उपज की साफ-सफाई ग्रेडिंग (छन्ना, पंखा आदि) में होने वाले मजदूरी व्यय का प्रदर्शन अनिवार्य रूप से करेंगे। उपार्जन केन्द्र के कम्प्यूटर ऑपरेटर ई-उपार्जन पोर्टल पर प्रथमतः लॉगिन कर गुणवत्ता सर्वेयर को पंजीकृत करना, केन्द्र पर उपलब्ध तौल कांटों की प्रविष्टि, अपने समीपस्थ धर्म कांटे की प्रविष्टि करेंगे।
पूर्व के वर्षों की किसी अपात्र संस्था के केन्द्र प्रभारी एवं ऑपरेटर को किसी अन्य संस्था में नहीं रखा जायेगा। नॉन- एफएक्यू गेहूँ को रिजेक्ट कर कृषक को अपग्रेड करने हेतु समझाइश दिया जाना तथा अमान्य उत्पाद का सेम्पल रखते हुये उसकी पंजी संधारित करना अनिवार्य है।
कृषक द्वारा उपज विक्रय करने हेतु स्लॉट बुकिंग www.mpeuparjan.nic.in पर की जा सकेगी, इस लिंक की जानकारी एसएमएस के माध्यम से कृषक के मोबाइल पर प्रेषित की जाएगी। ई-उपार्जन पर पंजीकृत/सत्यापित कृषक द्वारा स्वयं के मोबाइल, एमपी ऑनलाइन, सीएससी, पंचायत, लोक सेवा केन्द्र, इंटरनेट कैफे, उपार्जन केन्द्र से स्लॉट बुकिंग की जा सकेगी। स्लॉट बुकिंग हेतु कृषक के ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत मोबाइल पर ओटीपी प्रेषित किया जाएगा, जिसे पोर्टल पर दर्ज करना होगा।
गेहूं की भरती 50 किलो बारदाना वजन के जूट के मानक में की जाएगी, इससे अधिक की तौल बोरे में नही की जायेगी। खाद्यान्न की भरती 580 ग्राम स्टैण्डर्ड वजन के नवीन जूट बोरियों में मानक भरती की जायेगी। केंद्र द्वारा प्रत्येक बोरे पर लाल रंग से निर्धारित प्रारूप में 18×18 इंच की स्टेंसिल लगाई जाएगी। यह छापा नवीन जूट के बारदाने, एक भरती जूट के बारदाने जो भी गेहूँ के उपयोग में लाये जाने हेतु राज्य शासन द्वारा अनुमत्य किए जाएंगे, उन पर अनिवार्य होगा।
प्रत्येक बोरे पर केन्द्र का नाम (केन्द्र के कोड एवं वर्ष सहित) एवं किसान के पंजीयन क्रमांक की प्लास्टिक स्लिप 3 × 4 इंच की धागे से आधी अन्दर व आधी बाहर सिलाई की जाएगी, जिससे पहचान हो सके कि कौन से बोरे में किस कृषक का स्कंध है। बारदानों की विद्युत चलित मशीन से लाल रंग के धागे से डवल सिलाई की जाए। समस्त उपार्जन केन्द्र के प्रबंधक एवं प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि सभी निर्देशों का पालन करते हुये येडर या छन्ना का प्रयोग कर औसत अच्छी गुणवत्ता (एफएक्यू) की गेहूं का उपार्जन करना सुनिश्चित करें।