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अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ के के बैनर तले अपनी 6सूत्रीय मांगों को लेकर मध्य प्रदेश शासन मुख्यमंत्री के नाम आज दिनांक 4 अप्रैल को रीठी तहसील ,अजाक्स संघ अध्यक्ष सुजान सिंह ठाकुर के नेतृत्व में तहसीलदार को ज्ञापन सोपा गया ।
तहसील अध्यक्ष सुजान सिंह ठाकुर ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि आजक्स संघ अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति वर्ग के अधिकारियों/कर्मचारियों की मौलिक समस्याओं के लिए सतत प्रयत्नशील है। आरक्षित वर्ग के साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों के विरुद्ध भेदभाव एवं प्रशासनिक प्रताडना बंद की जावे। आरक्षित वर्ग के लोगों की निराधार एवं झूठी शिकायतें कर उन्हें नुक्सान पहुंचाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। वर्तमान समय में सभी विभागी में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति वर्ग के आरक्षण को जानबूझकर षडयंवपूर्वक समाप्त किया जा रहा है अजाक्स द्वारा अपनी मांगों के संबंध में शासन को अनेकों बार ज्ञापन देने के बावजूद भी शासन द्वारा मांगों को नहीं माना जा रहा है ।
वही मांगे पूर्ण न होने पर प्रदेश स्तर पर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी गई ।
हमारी मांगों मैं, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता एवं मध्यप्रदेश के स्पेशल कॉसिल श्री मनोज गोरकेला से नवीन पदोन्नति नियम का ड्राफ्ट तैयार कराया गया, जिसे माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्री सिंघवी एवं माननीय सही बताया है। यह नियम दिनांक 28/01/2022 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय दवारा जो निर्णय दिया गया है. उसके अनुरुप भी उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश श्री गुप्ता दवारा संविधान एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप बनाये गये नवीन पदोन्नति नियम को शीघ्र लागू किया जावे l
बैंकलाग की पूर्ति के संबंध में संघ आपसे विनम्र निवेदन करता है अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछडे वर्गी के रिक्त बैंकलॉग पर्दा की भर्ती हेतु नियुक्तिकर्ता अधिकारी को निर्देशित किया जाये कि वे एक माह के अंदर विज्ञापन जारी कर, प्राप्त आवेदनों का एक सप्ताह में परीक्षण कर मेरिट के आधार पर नियुक्ति हेतु आदेश जारी करें। इससे शासन की छवि पर सकारात्मक प्रभाव होगा साथ ही उक्त निर्णय मील का पत्थर साबित होकर अनुसूचित जाति/जनजाति के विकास के साथ-साथ मध्यप्रदेश के सर्वांगीण विकास एवं उत्कृष्ट राज्य बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
ठेका पद्धति/आउट सोर्सिग की प्रथा तत्काल बंद की जावे या संभव न ही ती इसमें आरक्षण अधिनियम 1994 के प्रावधानों के तहत आरक्षण का पालन सुनिश्चित कराने के लिए समुचित नियम/निर्देश जारी किये जावे। बिहार सरकार द्वारा राज्य में आउटसोर्सिंग में आरक्षण लागू किया गया है।
मध्यप्रदेश शासन के अधिक्तर विभागों में आरक्षित वर्ग के वरिष्ठ अधिकारीयों को नजर अंदाज कर कनिष्टों को उच्च पदों का प्रभार देकर आरक्षित वर्ग के अधिकारी के साथ भेद आव किया जा रहा है, कृपया निर्धारित आरक्षण के अनुसार उच्च पर्दो का प्रभार आरक्षित वर्ग के अधिकारी/कर्मचारियों को उच्च पद का प्रभार दिया जाये ।
अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति समय पर दी जावे.l
मध्यप्रदेश के लोकसेवकों के हितों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था शीघ्र लागू की जावे।
अतः उपरोक्तानुरूप प्रदेश के 36% अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति वर्ग अधिकारियी/कर्मचारियों की मूलभूत तथा सांविधिक मांर्गा पर माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा पश्चात भी शासन द्वारा कोई कारवाई न करना सर्वथा अनुचित है। आपके माध्यम से अजाक्स की भांगों पर आपके स्तर से माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणानुरूप क्रियान्वयनरूपी कारवाई की मांग करते हुए पूर्ण विश्वास है कि संघ की मांगों को आपका व्यापक समर्थन प्राप्त होगा।
हरिशंकर बेन