इस शिविर का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. चित्रा प्रभात ने किया। इस अवसर पर उन्होंने लाइसेंस की आवश्यकता और महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के युग में वाहन सभी के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता बन गया है। वाहन चलाने के लिए यातायात नियमों की जानकारी होना और उनका पालन करना अत्यंत जरूरी है। इससे न केवल यात्रा सुगम और सुरक्षित होती है, बल्कि सभी लोग अपने गंतव्य तक आसानी से पहुँच सकते हैं। प्राचार्य ने छात्राओं को यातायात नियमों के प्रति जागरूक रहने और सुरक्षित ड्राइविंग की आदत विकसित करने के लिए प्रेरित किया।
इस शिविर के प्रभारी के रूप में परिवहन विभाग कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड तृतीय श्री राजबहोर कोल ने अपने तकनीकी सहायकों के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने छात्राओं के लर्निंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित किया और इस कार्य में सराहनीय योगदान दिया। शिविर में महाविद्यालय में अध्ययनरत 56 छात्राओं ने लर्निंग लाइसेंस के लिए पंजीयन कराया। यह आयोजन छात्राओं के लिए एक सुनहरा अवसर साबित हुआ, जिससे उन्हें न केवल लाइसेंस प्राप्त करने में सुविधा हुई, बल्कि यातायात नियमों के प्रति उनकी जागरूकता भी बढ़ी। इस प्रकार, यह शिविर शैक्षिक और सामाजिक दृष्टिकोण से अत्यंत लाभकारी रहा।