*देवेंद्रनगर,* 1 मार्च 2025: देवेंद्रनगर बस स्टैंड के पास स्थित नवनिर्मित भव्य शिवालय में आज 1 मार्च से श्रीमद शिव महापुराण और प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की शुरुआत हो गई। यह आयोजन 1986 में स्थापित शिव मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद आयोजित किया जा रहा है। मोहल्ले के धर्मप्रेमियों ने मिलकर इस मंदिर का जीर्णोद्धार कर उसे एक भव्य रूप दिया है। मंदिर का नवीनीकरण अब इसे एक दिव्य और आकर्षक स्थल बना चुका है, जो अब क्षेत्रवासियों के लिए श्रद्धा और आस्था का केंद्र बन चुका है।
इस उपलक्ष्य में, आज पं. ब्रजेश जी महाराज गौसेवक सागर के मुखारबिंद से श्रीमद शिव महापुराण की अमृतमयी कथा का वाचन हुआ। पं. ब्रजेश जी महाराज ने भक्तों को भगवान शिव की महिमा और शिव महापुराण के महत्व के बारे में उपदेश दिया। उन्होंने बताया कि इस कथा का श्रवण करने से पाप नष्ट होते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर के पूजन का महत्व बताया गया।
कथा के दौरान पं. ब्रजेश जी महाराज ने शिव महापुराण के अद्भुत कथानक को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया, जिससे हर भक्त की आत्मा गहराई से अभिभूत हो गई। उन्होंने भगवान शिव के त्रिनेत्र और पंचमुखी स्वरूप को समझाते हुए भक्तों को आंतरिक शांति और समर्पण की ओर प्रेरित किया। उन्होंने यह भी बताया कि भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एकाग्रचित्त और निरंतर साधना की आवश्यकता है।
आयोजन में उमंग और उत्साह का वातावरण था। लगभग सभी मोहल्ले के लोग और क्षेत्रवासियों ने इस धार्मिक अनुष्ठान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। विशेष रूप से कलश यात्रा और शोभायात्रा ने आयोजन को और भी भव्य बना दिया। महिलाओं और बच्चों ने श्रद्धा भाव से कलश उठाकर यात्रा में भाग लिया। उनकी इस श्रद्धा ने पूरी यात्रा को एक दिव्य रूप दिया। यात्रा में भव्य झांकियां और शिव के विभिन्न रूपों का दर्शन कर भक्त भावविभोर हो गए। पूरे देवेंद्रनगर में धार्मिक वातावरण का समागम था, जो सच्चे भाव से भगवान शिव के प्रति आस्था को दर्शाता था।
यह ध्यान देने योग्य था कि इस आयोजन के दिन पहले से ही दो-दो भागवत कथाओं का आयोजन हो चुका था, और वह भी क्षेत्रवासियों में अत्यधिक श्रद्धा और उत्साह का कारण बनी हुई थीं। फिर भी, श्रीमद शिव महापुराण की कथा का प्रारंभ होते ही इस धार्मिक आयोजन के प्रति भक्तों का उत्साह कम होने का नाम नहीं ले रहा था। दरअसल, देवेंद्रनगर का समग्र वातावरण इस दिन बदल चुका था, और यहां की सड़कों, गलियों में एक अद्भुत श्रद्धा की लहर दौड़ रही थी। लोग हर हाल में इस आयोजन में सम्मिलित होना चाहते थे, ताकि भगवान शिव की महिमा को आत्मसात कर सकें।
यह धार्मिक अनुष्ठान अब प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से हरि इच्छा तक चलेगा और 8 मार्च 2025 को विशाल भंडारा आयोजित किया जाएगा, जिसमें क्षेत्रवासियों को प्रसाद वितरण किया जाएगा। आयोजकों ने सभी धर्मप्रेमी बंधुओं से अनुरोध किया है कि वे इस आयोजन में अपने परिवार के साथ सम्मिलित होकर भगवान शिव की महिमा का अनुभव करें।