सीमा कैथवास
कथा के पांचवे दिन कमल किशोर नागर ने बताया कि जहां भक्त आते हैं,वहां भगवान अवश्य आते हैं…..
सिवनीमालवा। श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन व्यास पीठ से प्रसिद्ध संत कमल किशोर नागर ने बताया कि जहां प्रभु कथा होती है वहां प्रभु के उत्सव होते हैं। वहां सच्चे भक्त होते हैं और जहां सच्चे भक्त होते हैं, वहां भगवान को आना ही पड़ता है। भगवान की कथा अनादि काल से होती चली आ रही है । भागवत कथा माता पार्वती के साथ सभी ऋषियों ने भी सुनी, हनुमान जी ने भी सुनी, वही कथा हमें भी ब्रह्म ज्ञानी गुरु से सुनने को प्राप्त हो रही है।
ईश्वर बचपन में सुख मत देना और बुढ़ापे में दुख नहीं देना ध्रुव , प्रह्लाद ने बचपन में दुख भोगा और फिर प्रभु कृपा से सुख ही सुख पाया। मोबाइल मंथरा के समान है जैसे मंथरा ने राजा दशरथ का घर बिगड़ा, इसी प्रकार मोबाइल बच्चों के साथ-साथ दांपत्य जीवन भी बिगाड़ रहे हैं। मूर्ख गलती करे तो करें लेकिन ज्ञानी को गलती नहीं करना चाहिए। भीष्म पितामह ने भी द्रोपदी का चीर हरण देखा था, उसकी सजा 6 माह तक सरसैया पर पड़े रहना पड़ा। महिलाओं को मर्यादाओं का पालन करना चाहिए। फटे हुए वस्त्र नहीं पहनकर अंग प्रदर्शन नहीं करना चाहिए। पूतना एवम स्वयं सीताजी ने मर्यादा की रेखा तोड़ी तो पूतना को मृत्यु और सीता जी को स्वयं के हरण का दुख भोगना पड़ा।पूज्य नागर जी के प्रवचन के पूर्व उनके पोते बाल व्यास गोविंद जी नागर ने भी अपने प्रवचन में कथा के महत्व को समझाया। गोविंद जी नागर ने अपने प्रवचन से सभी लोगों का मन मोह लिया।सत्संग में इटारसी विधायक सीतासरन शर्मा, सिवनीमालवा विधायक प्रेमशंकर वर्मा, राज्यसभा सांसद माया नारोलिया,भाजपा पूर्व जिला।ध्यक्ष माधवदास अग्रवाल आदि ने उपस्थित होकर व्यास पीठ से आशीर्वाद प्राप्त किया। कथा में भक्तों की अपार भीड़ रही। लगभग पचास हजार की संख्या में भक्तगण पूज्य गुरुदेव नागर जी की कथा का श्रवण करने पहुंचे।